RANCHI : दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में आशियाने के नाम पर जालसाजी का खुलासे किए जाने के बाद आखिरकार जिला प्रशासन और रांची पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाली वेलफेयर बिल्डिंग एंड स्टेट प्राइवेट लिमिटेट कंपनी के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। पुलिस ने शनिवार की देर शाम मुरी ओपी में कांड संख्या 13/ 2020 दर्ज कर लिया है। सिल्ली सीओ की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई। कंपनी के सिल्ली ब्रांच मैनेजर सचिन कुमार महतो को हिरासत में ले लिया गया है और पूछताछ चल रही है।

क्या लिखा है प्राथमिकी में

प्राथमिकी में लिखा गया है कि वेलफेयर बिल्डिंग एंड स्टेट प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ग्राहकों से रुपए दोगुना करने और ज्यादा ब्याज देने के नाम पर रुपए की उगाही कर रही है। जांच के दौरान स्थानीय ब्रांच मैनेजर सचिन कुमार महतो से कागजातों की मांग की गई, लेकिन उन्होंने कागजात प्रस्तुत नहीं किए। इससे साफ है कि कंपनी गैरकानूनी तरीके से लोगों की गाढ़ी कमाई ठग रही है।

इनके दस्तावेज बने साक्ष्य

साक्ष्य के तौर पर सीओ ने राहुल सोनार, सोमवारी देवी, शशि शंकर, जितेन्द्र महतो, सुधीर चन्द्र महतो, रमेश महतो आदि के दस्तावेजों को संलग्न कर दिया है। इनमें कई लोग 2010 से कंपनी की जालसाजी के शिकार बने हुए हैं। लोगों के 5 लाख से लेकर लाखों रुपयों तक के निवेश के कागजात कंपनी से गायब भी कर दिए गए हैं।

बड़े नाम बचाने का काम चालू

कांड के जानकारों और स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तरह से प्राथमिकी दर्ज की गई है उससे यह साफ है कि कंपनी से जुड़े बड़े लोगों जैसे जोनल इंचार्ज, स्टेट आफिसर जैसे लोगों को बचाने का काम किया जा रहा है। केस दर्ज कर ब्रांच मैनेजर को दोषी बनाया जा रहा है ताकि वह जेल चला जाए और ऊपर बैठे जो लोग रुपए उगाही कर चुके हैं, वे लोग साफ बच निकलें। इससे पहले भी कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर यही किया गया है।

जिन्होंने किया बैंक ऑपरेट उनपर नहीं आरोप

लोगों की गाढ़ी कमाई जिन खातों में जमा की जाती है उसको ऑपरेट करने का काम केवल तीन ही लोग कर सकते हैं। कंपनी के एमडी विजय प्रसाद मल्ला, डायरेक्टर आला वीआरकेएस श्रीनिवास राव और दूसरी निदेशक विन्जुमूली संध्या वल्ली ये तीन नाम ही हैं जो वेलफेयर बिल्डिंग एंड इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खातों को ऑपरेट करते हैं। इसका मतलब है कि देशभर में कहीं से भी इस कंपनी के बैंक खातों में जमा रुपए की निकासी और इस्तेमाल इन्हीं तीन लोगों द्वारा की जाती है, लेकिन इनके खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया।

कंपनी के अधिकारियों का मोबाइल खोलेगा कई राज

कंपनी के अधिकारियों जैसे काउंसिल मेंबर, एरिया इंचार्ज, जोनल इंचार्ज के तौर पर कई लोग काम कर रहे हैं। पुलिस जांच में जब इन मोबाइल फोन को खंगाला जाएगा तो कंपनी और लोकल पुलिस से लेकर प्रशासन तक के कई राज खुल कर सामने आ जाएंगे। सूत्रों की मानें तो कुछ लोकल पुलिस अधिकारियों का कंपनी के अधिकारियों के साथ मधुर संबंध रहा है, जिसकी भरपायी की जा रही है।

पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और जांच के दौरान चाहे कितना भी हाईप्रोफाइल व्यक्ति हो, उसपर शिकंजा कसा जाएगा। पुलिस हर पहलू पर गंभीरता से जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

ऋषभ झा, रुरल एसपी, रांची

Posted By: Inextlive