देर से आये लेकिन दुरुस्त आये
-आई नेक्स्ट की मुहिम के बाद काशी विद्यापीठ ने छात्र नेताओं की मनमानी पर लगाया लगाम
-यूनिवर्सिटी कैम्पस के अंदर और बाहर लगे होर्डिग्स-बैनर को हटवाया -लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का पालन न करने वालों का चुनाव रद करने की दी चेतावनी 1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ छात्रसंघ चुनावों में धन और बल का प्रयोग करके पूरे शहर को होर्डिग्स, बैनर से पाटने वालों के खिलाफ छेड़ी गई आई नेक्स्ट की मुहिम का आखिर असर हुआ। लम्बे समय से सोया विद्यापीठ प्रशासन सोमवार को जागा और सख्ती करते हुए यूनिवर्सिटी कैंपस, कैंपस के बाहर लगे प्रत्याशियों के होर्डिग्स, बैनर्स को उतरवा दिया। साथ ही छात्रनेताओं को ऐसा दोबारा न करने की वार्निग दी। न हो अब दोबाराआई नेक्स्ट ने 17 सितम्बर को लिंगदोह साहब कहां हैं आप? हेडिंग से लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की छात्रसंघ चुनावों में उड़ रही धज्जियों के बाबत खबर पब्लिश की थी। इसी मुद्दे पर रविवार को आई नेक्स्ट ऑफिस में पूर्व छात्र नेताओं के बीच ग्रुप डिस्कशन भी कराया गया था।
इसके बाद काशी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की नींद खुली। विद्यापीठ में चुनाव अधिकारी की निगरानी में कैंपस के अंदर, बाहर और सड़क पर लगाये गए छात्र नेताओं के होर्डिग्स बैनर्स को उतारकर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना था कि नामांकन के बाद अगर अब किसी कैंडिडेट ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लंधन किया तो उसका नामांकन रद कर दिया जाएगा।