- एसटीएफ की जांच से बचने के लिए अपना रहे हथकंडे

- कोई पारिवारिक तो कोई बीमारी का बहाना बना दे रहा इस्तीफा

GORAKHPUR: फर्जी मार्कशीट लगा गवर्नमेंट स्कूलों में ड्यूटी बजा रहे टीचर्स में खलबली मची हुई है। अभी तक फर्जीवाड़ा कर बिंदास अंदाज में ड्यूटी बजाने वालों ने ये सोचा भी नहीं था कि एक दिन उनके किए पर से पर्दा उठ जाएगा। अब जब एक-एक कर इनकी हकीकत सामने आ रही है तो वर्षो से फर्जीवाड़ा कर सरकारी सैलरी पर ऐश करने वाले टीचर्स चेहरा छिपाते फिर रहे हैं। कई टीचर्स तो इस बला से बचने के लिए नौकरी से चुपचाप इस्तीफा तक दे रहे हैं। बीएसए ऑफिस में स्पीड पोस्ट के जरिए तीन टीचर्स के इस्तीफे भी पहुंच गए हैं। लेकिन इनकी चालाकी की भनक अधिकारियों को भी लग गई है। हालांकि इस्तीफा देने वाले तीसरे टीचर के नाम का खुलासा अभी नहीं हो सका है। अधिकारियों ने इनकी जांच और तेज करते हुए इस्तीफा ऐक्ससेप्ट नहीं किया है।

ब्भ् टीचर्स पर लटकी तलवार

विभागीय जांच में क्क्भ् टीचर्स के डॉक्युमेंट्स संदिग्ध पाए गए थे। जिसके बाद इन्हें नोटिस भेजी गई थी ताकि वे कार्यालय में आकर अपनी सफाई पेश कर सकें। लेकिन नोटिस भेजे जाने के बावजूद अधिकतर टीचर्स सफाई पेश करने कार्यालय नहीं पहुंचे। जिसके बाद फ्ख् टीचर्स पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई। वहीं अभी ब्भ् टीचर्स पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

नोटिस पहुंची तो पड़ गए बीमार

नोटिस पहुंचने के बाद टीचर्स इससे बचने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। वहीं करीब ख्009 में नौकरी पाने वाले हेड मास्टर नीरज कुमार पांडेय ने बीमारी का हवाला देकर बीएसए को अपना इस्तीफा भेजा है। वे प्राथमिक विद्यालय खजूरी पांडेय बड़हलगंज में तैनात थे। इन्होंने अपनी बीमारी का हवाला देते हुए इस्तीफा भेजा है। जबकि नोटिस के बाद उन्हें स्पष्टीकरण देने के लिए बीएसए ऑफिस बुलाया गया था। लेकिन वे स्पष्टीकरण देने तो नहीं पहुंचे उनका इस्तीफा जरूर स्पीड पोस्ट से अधिकारी के पास पहुंच गया है। इसके बाद अधिकारियों ने इस्तीफा नामजूंर कर संदिग्ध मान इनकी जांच और तेज कर दी है।

सहायक अध्यापिका का भी पहुंचा त्यागपत्र

इसी तरह प्राइमरी विद्यालय अतरौड़ा खजनी की सहायक अध्यापिका प्राची मिश्रा ने भी इस्तीफा भेजा है। इनको ख्0क्भ् में नौकरी मिली थी। इन्होंने पारिवारिक कारण दिखाकर इस्तीफा भेजा है। बीएसए ने इनकी भी जांच तेज कर दी है।

चालाकी में नहीं हो रहे कामयाब

सूत्रों की मानें तो अभी कई और टीचर्स इस्तीफा भेज सकते हैं। फर्जीवाड़ा करने वाले ये समझ रहे हैं कि इस्तीफा देने के बाद उनकी जांच रुक जाएगी और आगे उनको पेंशन भी मिलती रहेगी। लेकिन अधिकारियों की मानें तो ये संभव नहीं है। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक किसी का इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाएगा।

वर्जन

पहले कागजों की जांच कराई जाएगी। इसके बाद ही इस्तीफे पर विचार किया जाएगा। अभी कई टीचर्स स्पष्टीकरण देने नहीं आ रहे हैं। उनके ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी।

बीएन सिंह, बीएसए

Posted By: Inextlive