टेलीकॉम नियामक ट्राई ने अनचाही कॉल करने वालों पर नकेल कसने का एक और बंदोबस्त कर दिया है. ऐसे मामलों में अब बैंकों बीमा और रीयल्टी कंपनियों को ट्राई की सीधी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इनके कनेक्शन तक बंद किए जा सकते हैं. इसके लिए ट्राई ने नए नियम जारी किए हैं.


उपभोक्ता प्राथमिकता नियम के तहत दोषी होने पर कार्रवाईदूरसंचार वाणिज्यिक संचार उपभोक्ता प्राथमिकता नियम 2013 (तेरहवां संशोधन) के मुताबिक यदि टेलीकॉम ऑपरेटर को अनचाही वाणिज्यिक कॉल या गैर पंजीकृत टेलीमार्केटिंग नेटवर्क के जरिये एसएमएस भेजने का दोषी पाया गया तो हर शिकायत के मामले में उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही ऐसे वाणिज्यिक संचार में यदि किसी बैंक, बीमा कंपनी या रीयल एस्टेट जैसी किसी फर्म के दूसरे टेलीफोन नंबर का उल्लेख किया जाता है तो उस टेलीफोन कनेक्शन को भी बंद कर दिया जाएगा. ग्राहकों से अब तक मिली अनचाही कॉल या एसएमएस की शिकायतों में से ज्यादातर बैंक, बीमा कंपनियों और बिल्डरों के प्रचार से संबंधित होती हैं.टेलीमार्केटिंग फर्मों का सहारा नियमों का उल्लंघन


ट्राई ने कहा कि ये कंपनियां गैर पंजीकृत टेलीमार्केटिंग फर्मो का सहारा ले रही हैं, जो नियमों का उल्लंघन है. ट्राई ने पाया है कि टेलीमार्केटिंग गतिविधियां चलाने के लिए ऐसे लोग सामान्य ग्राहकों की तरह दूरसंचार सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. ये फर्मे रजिस्ट्रेशन फीस और प्रमोशनल एसएमएस चार्ज से बचने के लिए ट्राई में पंजीयन नहीं करा रहीं.ब्रॉडकास्ट कैरिज में सौ फीसद एफडीआइ का सुझाव

ट्राई ने ब्रॉडकास्ट कैरिज सेवाओं में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की सीमा बढ़ाकर 100 फीसद करने का सुझाव दिया है. साथ ही टीवी न्यूज चैनल और एफएम रेडियो सेवाओं में यह सीमा बढ़ाकर 49 फीसद करने की सिफारिश की है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जुलाई में ट्राई से मीडिया क्षेत्र में एफडीआइ की सीमाओं की समीक्षा को लेकर वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव पर सुझाव मांगे थे. नियामक ने एफडीआइ के लिए विदेशी निवेश संव‌र्द्धन बोर्ड (एफआइपीबी) की मंजूरी प्रक्रिया में लगने वाले अधिकतम समय को भी निर्धारित करने की सिफारिश की है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh