-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खबर पर शुरू हुई जांच

-शिकायतकर्ताओं पर दबाव के लिए चलाते रेप का 'हथियार'

GORAKHPUR: शहर में फर्जीवाड़े और अवैध कब्जे के शिकायकर्ताओं पर दबाव बनाने के लिए मुकदमे दर्ज करने वाले शातिरों पर शिकंजा कसेगा। पूर्व में सामने आए इस तरह के मामलों की पड़ताल शुरू हो गई है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में एक नवंबर के अंक में प्रकाशित समाचार का संज्ञान लेते हुए सीनियर पुलिस अधिकारियों ने पूरे रैकेट को बेनकाब करने का निर्देश दिया है। दबंगों की मुकदमेबाजी से पीडि़त लोगों ने एसपी सिटी से मिलकर पुख्ता सबूत उपलब्ध कराए हैं। एसपी सिटी ने कहा कि फर्जी तरीके से एफआईआर दर्ज कराने वाले रैकेट को बेनकाब किया जाएगा। कुछ ऐसे लोगों के बारे में जानकारी मिली है जो अपने गलत कामों को छिपाने के लिए ऐसी हरकतें करते हैं। वह लोग साजिश के तहत किसी न किसी के जरिए शिकायतकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाते हैं।

दबाव बनाने को दर्ज कराते मुकदमा, संबंध तलाश रही पुलिस

शहर में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने, फर्जीवाड़े से प्रापर्टी को किसी अन्य को हस्तांतरित कराने सहित कई गड़बड़झाले हुए हैं। ऐसे मामलों में शामिल लोगों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए कोई न कोई व्यक्ति इसकी शिकायत शासन- प्रशासन के अधिकारियों से कर देता है। मामले की जांच शुरू होने पर जब दबंगों की गरदन फंसने लगती है तो वह अपने बचाव में तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं। पिछले तीन साल के भीतर ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें शिकायत वापस लेने के लिए शिकायकर्ताओं को फर्जी मुकदमों का शिकार बनाया गया। मारपीट के साथ-साथ रेप के मामलों में फंसाने की कोशिश हुई। जानकारी होने पर जब पीडि़तों ने पुलिस अधिकारियों को पूरी जानकारी तब ऐसे मामले खत्म हो सके। लेकिन गंभीर मामलों में फंसाने की साजिश रचने वाले बेनकाब नहीं हो सके। उनकी हरकतों पर लगाम नहीं कस सकी। इस संबंध में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने समाचार प्रकाशित किया था। समाचार प्रकाशन के बाद पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने जांच के निर्देश जारी किए। पूर्व में सामने आए इस तरह के सभी मामलों की फाइल एसपी सिटी ने तलब कर ली है।

इन बिंदुओं पर जांच के संकेत

-किस मामले में किसके खिलाफ कब-कब शिकायत दर्ज कराई गई थी।

-उन शिकायतों में संबंधित विभागों के अधिकारियों ने क्या कार्रवाई की।

-शिकायतकर्ता के सामने आने से कौन व्यक्ति सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।

-शिकायतकर्ता के खिलाफ कब, कहां पर किस तरह से एफआईआर दर्ज कराई गई।

-शिकायतकर्ता पर मुकदमे दर्ज करने वाले वादी का प्रकरण से जुड़े लोगों से कैसा संबंध है।

-पूरे रैकेट में कौन-कौन लोग शामिल हैं। उन लोगों के बीच आपस में किस तरह का जुड़ाव है।

-पुलिस विवेचना के दौरान सामने आए तथ्य, इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल रिकार्ड भी खंगाले जाएंगे।

-शिकायतकर्ता, वादी और साजिशकर्ताओं के बीच क्या संबंध हैं। इनमें कितने लोगों पर थानों में आपराधिक मामले दर्ज हैं।

वर्जन

इस तरह के मामले की जानकारी मिली थी। पूर्व में जो भी प्रकरण सामने आए हैं। उनसे संबंधित सभी दस्तावेजों खंगाला जा रहा है। शिकायतकर्ताओं के खिलाफ दर्ज हुए कई मुकदमे फर्जी पाए गए थे। कुछ अन्य प्रकरण भी सामने आए हैं। ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच कराकर फर्जीवाड़ा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। कौस्तुभ, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive