क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : शुल्क और सुविधाओं के नाम पर विद्यार्थियों से अवैध वसूली की जा रही है. यह खुलासा रांची डीईओ रजनीकांत वर्मा के द्वारा सभी कोटि के उच्च, प्लस टू, इंटर महाविद्यालय को लिखे गए पत्र से हुआ है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अवैध वसूली में लिप्त पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. डीईओ को विभिन्न स्त्रोतो से सूचना मिली है कि कई स्कूलों में विभिन्न शुल्कों के नाम पर बच्चों का दोहन हो रहा है. अभिभावकों के द्वारा पूछे जाने के बाद भी स्कूल प्राप्ति रसीद निर्गत नहीं करते हैं. प्रतियोगिताएं, दान, चंदा, मेंबरशिप के नाम पर बच्चों से रुपया वसूली को धंधा बना लिया गया है.

तत्काल रोक लगाने के निर्देश

डीईओ रजनीकांत वर्मा ने लिखा है कि तत्काल प्रभाव से ऐसे अवांछित प्राप्ति और वसूली पर रोक लगाई जाए. सरकार, विभाग और परिषद, बोर्ड द्वारा निर्धारित शुल्क ही लिया जाए. विद्यालय स्तर पर किसी तरह की शुल्क सुविधा के लिए यदि किसी भी स्तर पर राशि ली जाती है, तो तत्काल पूरी राशि की रसीद उपलब्ध कराएं.

अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी

डीईओ ने पत्र में साफ लिखा है कि ऐसा नहीं करने वाले प्रधानाध्यापक, प्रभारी, कर्मियों के विरुद्ध तत्काल सख्त अनुशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. पत्र के लिखे जाने से काफी हड़कंप का माहौल है.

एग्जाम, रजिस्ट्रेशन, प्रैक्टिलल आदि के नाम पर वसूली

डीईओ के द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि विभिन्न स्त्रोतों से सूचनाएं मिल रही है कि जिले के कुछ विद्यालयों के प्रधान, सहायक शिक्षक, लिपिक, बिचौलिये द्वारा उनके विद्यालय, महाविद्यालय के नियमित या स्वतंत्र विद्यार्थियों से परीक्षा, पंजीयन, फॉर्म, ऑनलाइन कंप्यूटर कार्य, प्रैक्टिकल, जरूरी कागजात सहित अन्य सुविधाओं के नाम पर अवैध राशि की वसूली की जा रही है. विद्यार्थियों से ली जाने वाली राशि की रसीद भी नहीं दी जा रही है, यह अनुचित है.

कई प्रतिष्ठित स्कूल हैं रडार पर

विश्वस्त सूत्रों की मानें तो कई प्रतिष्ठित स्कूलों के संबंध में प्रमाण के साथ शिकायतें मिली हैं. इन स्कूल प्रबंधनों के द्वारा बच्चों से विभिन्न मदों में राशि वसूली जा रही है. चर्चा तेज है कि यदि शिक्षा विभाग के द्वारा इस मामले में कार्रवाई की गयी तो कई प्रतिष्ठित स्कूलों के प्रबंधन के फंसने के चांसेज हैं.

Posted By: Prabhat Gopal Jha