AGRA: AGRA: पर उपदेश कुशल बहुतेरे रामायण की यह चौपाई एडीए पर चरितार्थ हो रही है। जनता का एक आम आदमी एडीए से नक्शा पास कराए जाने के लिए आवेदन करता है तो उसे अनेक औपचारिकताओं से गुजरना होता है। बावजूद इसके इतनी आसानी से नक्शा पास नहीं हो पाता है, लेकिन जब एडीए कोई खुद बिल्डिंग तैयार करता है तो किसी विभाग से कोई एनओसी नहीं लेता है। एडीए हाइट्स के लिए फायर विभाग से कोई एनओसी नहीं ली गई है, जिसकी शिकायत करने के लिए गुरुवार को लोग एडीए पहुंचे। एडीए के लिए कोई नियम कानून नहीं है?

परिवारों की जिंदगी खतरे में

एडीए की घोर लापरवाही के कारण एडीए हाइट्स में रहे क्ख्भ् परिवारों की जान खतरे में है। एडीए में रहने वाले सचिन ने बताया कि बिल्डिंग में फायर सिस्टम लगाए गए हैं, लेकिन काम नहीं करते हैं। अगर कभी कोई ऐसी घटना हो जाती है तो इन परिवारों के लिए बचाव करने के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं। न कोई अलार्म सिस्टम है और न ही कोई कर्मचारी वहां पर तैनात रहता है।

नहीं देते लिखित में जानकारी

सचिन कुमार ने बताया कि फायर विभाग से एनओसी नहीं ली गई है। इस संबंध में जब लिखित में मांगा गया तो कोई जबाव नहीं दिया गया। फायर सिस्टम भी खराब पडे़ हैं।

स्ट्रीट लाइट हैं बंद

एडीए हाइट्स में रहने वाले हीरालाल ने बताया कि स्ट्रीट लाइट्स बंद हैं, जिन्हें शिकायत किए जाने के बाद भी ठीक नहीं कराया गया है। कभी भी कोई बदमाश घटना को अंजाम दे सकता है। बिल्डिंग में लगीं लिफ्ट खराब हैं, जो भी सही हैं वो कभी भी बीच में ही बंद हो जाती हैं। बीच में ही लोग फंसे रह जाते हैं। लिफ्ट में एडीए का कोई कर्मचारी तैनात नहीं रहता है।

सीसीटीवी कैमरे हैं बंद

वहां रहने वाले लोगों का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे तो लगाए गए हैं, लेकिन वे कार्य नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में शिकायत की है, लेकिन आज तक किसी ने कोई सुनवाई नहीं की है। सचिन कुमार ने बताया कि एडीए कितना गंभीर है, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एडीए हाइट्स के मुख्य द्वार पर भी लाइट नहीं जलती है। पूरे कैंपस में अंधेरा छाया रहता है, जिसकी ओर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया है।

एंट्री करने वाला नहीं होता कोई

इस बिल्डिंग में कौन आ रहा है और कौन नहीं के बारे में कोई रजिस्टर मेंटेन करने वाला नहीं है। कोई भी कभी भी आकर घटना को अंजाम दे सकता है।

एक रुपया प्रति स्क्वायर फीट वसूला जाता है

सुविधाओं के नाम पर प्रति माह प्रति स्क्वायर फीट एक रुपया प्रति माह सभी परिवारों से वसूला जाता है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर सबकुछ शुन्य है। सफाई तक नहीं कराई जाती है। बारिश के दिनों में कभी भी प्लास्टर गिरने लगता है।

Posted By: Inextlive