विश्व क्रिकेट में तमाम खिलाड़ी आए आैर गए मगर याद सिर्फ उन्हें किया जाता है जिन्होंने कुछ खास किया। एेसा ही एक अनोखा काम किया था पूर्व आॅस्ट्रेलियार्इ बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने। गिलक्रिस्ट आज अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं। आइए इस खास मौके पर जानें उनके करियर से जुड़ी रोचक बातें।


कानपुर। 14 नवंबर 1971 को न्यू साउथ वेल्स में जन्में एडम गिलक्रिस्ट को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था, हालांकि उन्होंने इस शौक को अपना प्रोफेशन बनाया और विश्व स्तर के खिलाड़ी के रूप में पहचाने गए। गिलक्रिस्ट ने साल 1996 में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई टीम में जगह बनाई और फिर करीब 12 सालों तक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के मुख्य खिलाड़ी रहे। न सिर्फ टेस्ट बल्कि वनडे में भी गिलक्रिस्ट की बल्लेबाजी से सभी डरते थे। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज की खासियत थी उनकी आक्रमकता। यही वजह है कि टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 100 छक्के गिलक्रिस्ट ने ही लगाए थे। यही नहीं गिली टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज शतक लगाने वालों में भी गिने जाते हैं। साल 2006 में इंग्लैंड के विरुद्घ पर्थ टेस्ट में गिलक्रिस्ट ने 57 गेंदों पर शतक ठोंक दिया था।ऐसा रहा है क्रिकेट करियर


एक दशक से ज्यादा लंबे करियर में एडम गिलक्रिस्ट ने 96 टेस्ट मैच खेले जिसमें उनके नाम 47.60 की औसत से 5570 रन दर्ज हैं। इस दौरान गिली के बल्ले से 17 शतक और 26 अर्धशतक निकले। यही नहीं वनडे क्रिकेट की बात करें तो इस दिग्गज बल्लेबाज ने ऑस्ट्रेलिया की तरफ से 287 मैच खेलकर 35.89 की औसत से 9619 रन अपने नाम किए। इसमें 16 शतक और 55 अर्धशतक भी शामिल हैं। अब टी-20 इंटरनेशनल की बात करें तो गिलक्रिस्ट ने 13 मैचों में 272 रन बनाए।वर्ल्डकप सेमीफाइनल में खुद लौट गए थे पवेलियनएडम गिलक्रिस्ट सिर्फ एक बेहतर खिलाड़ी ही नहीं नेक इंसान भी हैं। इसका उदाहरण साल 2003 वर्ल्डकप में देखने को मिला। जब श्रीलंका के खिलाफ सेमीफइनल मैच में अंपायर द्वारा नाॅटआउट दिए जाने के बाद भी गिलक्रिस्ट ने मैदान छोड़ दिया था। अमूमन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों की तरफ से इस तरह की खेलभावना देखने को नहीं मिलती मगर उस दिन गिली ने सबको गलत साबित कर दिया। दरअसल हुआ यूं कि पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया का सामना श्रीलंका से हुआ था। ऑस्ट्रेलिया ने टाॅस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया। कंगारु बल्लेबाज मैथ्यू हेडन और एडम गिलक्रिस्ट ओपनिंग करने आए। उस दिन दोनों बल्लेबाज धुआंधार पारी खेलने के मूड से आए थे। इस जोड़ी ने शुरुआती 5 ओवर में 34 रन बोर्ड पर टांग दिए।अंपायर ने दिया था नाॅटआउट

अपने तेज गेंदबाजों को पिटता देख श्रीलंकाई कप्तान सनथ जयसूर्या ने गेंदबाजी में बदलाव किया। अब गेंद स्पिन गेंदबाज अरविंद डी सिल्वा के हाथों में थी। मैच में 31 गेंदों का खेल पूरा हो चुका था और 32वीं गेंद पर ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने ऐसा फैसला लिया, जिससे क्रिकेट जगत में खलबली मच गई। दरअसल, डी सिल्वा की गेंद पर गिलक्रिस्ट ने स्वीप शाॅट मारने की कोशिश की मगर गेंद उनके ग्ल्वस को छूती हुई पैड पर टकराई और हवा में उठ गई। पीछे खड़े विकेट कीपर कुमार संगकारा ने तुरंत कैच लपक लिया। श्रीलंकाई खिलाडि़यों ने कैच की जोरदार अपील की, सामने खड़े अंपायर रूडी कोएर्टजन ने गिलक्रिस्ट को नॉट आउट करार दिया। अंपायर के निर्णय देने के बाद तक क्रीज पर रूके गिलक्रिस्ट ने अचानक पवेलियन की ओर कदम बढ़ा दिए। हर कोई देखकर हैरान था। टॉनी ग्रेग उस समय कमेंट्री करते हुए बोले 'गेंद हवा में है और अंपायर ने नॉट आउट दे दिया, वो चल रहा.. वो चल रहा है। वाह! यह देखने में शानदार है। विश्व कप क्रिकेट का सेमीफाइनल है और एडम गिलक्रिस्ट मैदान से बाहर जा रहे है। यह शानदार खेलभावना है।' खैर इतना कुछ होने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया यह मैच 48 रन से जीत गया था।मैन ऑफ द मैच में मिलने वाली बड़ी से चेक का क्या होता है, आपको पता भी है

आज ही के दिन सचिन-गांगुली ने अकेले खेल डाला था पूरा मैच, बनाए थे इतने रन

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari