- बारहवीं में फिजिक्स थ्योरी के सिलेबस में शामिल किया कम्युनिकेशन

- मार्च 2015 में होने वाले इंटर एग्जाम में पूछे जाएंगे संबंधित क्वेश्चन

- ई-मेल, ई-बैंकिंग, ई-शॉपिंग, ई-बुकिंग व सोशल नेटवर्क की

Meerut: सीबीएसई बोर्ड ने ट्वेल्थ में फिजिक्स थ्योरी के सिलेबस में कम्युनिकेशन सिस्टम के नए टॉपिक्स जोड़े हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण ये रहा कि सभी स्टूडेंट्स इंटरनेट और मोबाइल फोन का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन एप्लीकेशन और नेटवर्किंग के बारे में उन्हें पूरी जानकारी नहीं होती। बोर्ड ने जो नए टॉपिक कोर्स में शामिल किए हैं, उनमें स्टूडेंट को लोकल एरिया नेटवर्किंग से लेकर ग्लोबल नेटवर्क ऑफ कंप्यूटर्स की सभी एप्लीकेशन के बारे में पढ़ाया जाएगा। यानि स्टूडेंट्स इस बार ई-फिजिक्स पढ़ेंगे। इसके चलते बोर्ड ने सेशन के बीच में ये टॉपिक कोर्स में शामिल किए हैं और मार्च ख्0क्भ् में होने वाले एग्जाम में इनके बारे में सवाल भी पूछे जाएंगे।

बच्चे जानेंगे मोबाइल नंबरिंग सिस्टम

मोबाइल फोन के प्रिंसिपल को ग्राफिक्स के जरिए पढ़ाया जाएगा। सेलुलर रेडियो नेटवर्क टेक्नोलॉजी क्या होती है और इसके जरिए फोन का कैसे इस्तेमाल किया जाएगा। इस चैप्टर को भी कोर्स में लाया गया है। मोबाइल फोन कॉल के साइंटिफिक प्रोसेस को भी डायग्राम के जरिए समझाया जाएगा। मोबाइल फोन का नंबरिंग सिस्टम क्या होता है, यह भी खास टॉपिक रहेगा। नेशनल नंबरिंग प्लान ख्00फ् के मुताबिक नंबरिंग सिस्टम होता है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया मोबाइल फोन सिस्टम को रेगुलेट करता है। स्टूडेंट्स को क्जी, ख्जी, फ्जी और ब्जी की एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के बारे में भी पढ़ाया जाएगा।

मोबाइल व इंटरनेट फैसिलिटी का इस्तेमाल

इस बारे में बोर्ड का मानना है कि इंटरनेट और मोबाइल फोन की फैसिलिटी का इस्तेमाल तो हम करते हैं, लेकिन ये नेटवर्क कैसे काम करते हैं इनके बारे में काफी स्टूडेंट्स को अभी पता नहीं होगा। स्टूडेंट्स इनके बारे में जानना चाहेंगे और इसी को ध्यान में रखते हुए फिजिक्स स्टूडेंट्स के कोर्स में ये टॉपिक्स जोड़े गए हैं। ग्लोबल पॉजिशिनिंग सिस्टम (जीपीएस) के डायग्राम भी स्टूडेंट्स को दिखाए जाएंगे। बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक फिजिक्स कोर्स में बदलावों को लेकर स्टूडेंट्स व टीचर्स से फीडबैक भी लिया गया और फीडबैक में सामने आया कि कम्यूनिकेशन सिस्टम के चैप्टर की एप्लीकेशंस को शामिल किया जाना चाहिए। जिसके बाद बोर्ड ने यह फैसला लिया है।

ईमेल से लेकर वाई-फाई तक

कोर्स में नेटवर्किंग ऑफ कंप्यूटर के हर पहलू के बारे में बताया गया है। लोकल एरिया नेटवर्किंग क्या होती है और वाई-फाई कैसे काम करता है, एक इंस्टीट्यूशन में सभी कंप्यूटर को लोकल नेटवर्क से कैसे जोड़ा जाता है, इस बारे में स्टूडेंट्स को सिखाया जाएगा। इंटरनेट एप्लीकेशन में स्टूडेंट्स को इंटरनेट सर्फिंग के बारे में भी बताया जाएगा। ईमेल आईडी कैसे बनाई जाती है, ई बैंकिंग सिस्टम, ई शॉपिंग टिकटिंग, सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे फेसबुक, ट्विटर, गूगल के बारे में भी स्टूडेंट्स को बताया जाएगा। इन सभी टॉपिक्स पर परीक्षा में क्वेश्चन पूछे जाएंगे।

धीरे-धीरे हमारी लर्निग प्रोसेस में परिवर्तन हो रहा है। अब एजुकेशन ई-लर्निग में चेंज हो रही है। बुक धीरे-धीरे इंटरनेट पर उपलब्ध हो रही हैं। इससे एजुकेशन में परिवर्तन आएगा। इसके लिए एजुकेशन इलेक्ट्रॉनिकली मिलेगी। यह सब आईपैड, मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर उपलब्ध होगी। इस जानकारी से बच्चों में अवेयरनेस भी बढ़ेगी। इसको लेकर एनसीआरटी ने चेंज किया है। जिससे बच्चों को ई-लर्निग में सहायता मिलेगी।

- एचएम राउत, सिटी कोर्डिनेटर, सीबीएसई

Posted By: Inextlive