इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपने एक आदेश की जानबूझकर और हठपूर्वक अवमानना करने के आरोप में अपर मुख्य सचिव को दोषी पाते हुए कोर्ट के उठने तक हिरासत में रखने की सजा सुनाई।


- अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने भुगती दिनभर कोर्ट की हिरासत में रहने की सजा- सहायक समीक्षा अधिकारियों की वरिष्ठता सूची के संबंध में हाईकोर्ट के आदेश का नहीं किया था अनुपालनlucknow@inext.co.inLUCKNOW: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपने एक आदेश की जानबूझकर और हठपूर्वक अवमानना करने के आरोप में अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन विभाग महेश कुमार गुप्ता को दोषी पाते हुए कोर्ट के उठने तक हिरासत में रखने की सजा सुनाई। अपर मुख्य सचिव कोर्ट रूम में मौजूद आम वादकारियों की कतार में बैठे रहे। कोर्ट ने उन पर व्यक्तिगत रूप से 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है, जो कि एक सप्ताह के अंदर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करना होगा।हिरासत में लेने का दिया आदेश


जस्टिस विवेक चौधरी की बेंच ने डॉ। किशोर टंडन और आठ अन्य की अवमानना याचिका पर यह आदेश दिया। सोमवार के आदेश के अनुपालन में मंगलवार सुबह महेश कुमार गुप्ता कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए। पुकार होने पर, उनकी ओर से कनिष्ठ अधिवक्ता ने कुछ देर बाद मामले की सुनवाई का अनुरोध किया, क्योंकि वरिष्ठ अधिवक्ता किसी अन्य कोर्ट में उपस्थित थे। कोर्ट ने अनुरोध को स्वीकार कर लिया, लेकिन महेश कुमार गुप्ता को हिरासत में लेने का आदेश दे दिया। साथ ही कहा कि बिना अनुमति वह कोर्ट के बाहर नहीं जाएंगे। दोपहर साढ़े 12 बजे सुनवाई पुन: शुरू हुई। इस दौरान महेश गुप्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट के आदेश के अनुपालन संबंधी शपथ-पत्र प्रस्तुत किया। इस पर अदालत ने कहा कि वह अनुपालन के संबंध में अगली तारीख पर सुनवाई करेगी। फिलहाल अवमानना के दोषी करार दिए जा चुके महेश कुमार गुप्ता के सजा के बिंदु पर सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख

गुप्ता के वकील ने दलील दी कि आदेश का अनुपालन किया जा चुका है, लिहाजा उन्हें अवमानना से आरोप मुक्त किया जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह 10 जुलाई 2018 और 25 मार्च 2019 के आदेशों में ही दोषी करार दिए जा चुके हैं। अधिवक्ता ने पुन: अनुरोध किया तो कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों को लगता है कि वह अवमानना करने के बाद माफी मांगकर बच जाएंगे।लगभग आधे घंटे तक चली बहस के बाद कोर्ट ने महेश कुमार गुप्ता को कोर्ट के उठने तक सजा के तौर पर कोर्ट रूम में ही हिरासत में रहने की सजा सुनाई। हालांकि उनके अधिवक्ता के अनुरोध पर लंच टाइम में नाश्ता वगैरह के लिए कोर्ट रूम के बाहर जाने की छूट प्रदान की। वहीं, याचियों की ओर से दाखिल अनुपालन शपथ पत्र पर कहा गया कि कोर्ट के आदेश का पूर्णतया पालन नहीं हुआ है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए अगली तारीख तीन अप्रैल निर्धारित कर दी।लगाई फटकारसजा सुनाए जाने के कुछ मिनटों बाद बाद जस्टिस विवेक चौधरी ने देखा कि महेश कुमार गुप्ता कोर्ट रूम से नदारद हैं। उन्होंने पुलिसकर्मियों को बुलाने का निर्देश दिया, जिसके तत्काल बाद महेश कुमार गुप्ता पुन: कोर्ट रूम में आ गए। इस पर कोर्ट ने उन्हें जमकर फटकार लगाई। महेश कुमार ने कई बार सॉरी बोलते हुए, सफाई दी कि वह टॉयलेट गए थे। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह बिना अनुमति के कहीं नहीं जा सकते। इसी क्रम में कोर्ट जब उठने लगी तब महेश कुमार गुप्ता को रिहा करने का आदेश दिया।

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Posted By: Shweta Mishra