आधार सेंटर की मनमानी, मांग रहे बच्चों की फोटो आईडी

लापरवाह कर्मचारियों से होती है खामी, भटक रहे हैं आवेदक

BAREILLY:

स्कूल में बच्चे के एडमिशन से लेकर, राशन कार्ड बनवाने, बैंक अकाउंट खुलवाने और रजिस्ट्री करवाने तक हर कहीं आधार कार्ड बतौर आईडी अनिवार्य हो गया है। इसके चलते आधार कार्ड बनवाने के लिए लोग जरूरी काम छोड़कर आधार कार्ड सेंटर पर रोजाना पहुंच रहे हैं। लेकिन लोगों की इस प्राथमिकता का आधार कार्ड सेंटर पर न सिर्फ मखौल उड़ाया जा रहा, बल्कि आवेदकों को भी फिजूल में परेशान भी किया जा रहा है। आधार कार्ड सेंटर पर पहुंच रहे आवेदकों को कमियां सुधार के लिए बार-बार दौड़ाया जा रहा। इन शिकायतों पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने अयूब खां चौराहा स्थित अलंकृत प्लाजा के आधार कार्ड सेंटर की पड़ताल की। जिसमें कई गड़बडि़यों का खुलासा हुआ।

स्टाफ नहीं करता मदद

मंडे दोपहर 12 बजे अलंकृत प्लाजा के नीचे आवेदकों की भीड़ लगी हुई थी। वहां कोई दूसरी तो कोई चौथी बार आधार कार्ड की खामियां दूर करने पहुंचा था। बावजूद इतनी मेहनत के आधार कार्ड की खामियां बरकरार रही। सिकलापुर निवासी भगवान देई अपनी बहु विमला का आधार कार्ड बनवाने तीसरी बार पहुंची थी। उनसे एड्रेस प्रूफ, सत्यापित फोटो आईडी, बर्थ सर्टिफिकेट समेत कई डॉक्युमेंट्स मांगे गए हैं। वहीं पूनम अपने 4 साल के बच्चे का आधार कार्ड बनाने पहुंची थी। वह दो बार पहले भी आ चुकी थी। दो बार की दौड़ भाग के बाद कर्मचारियों ने उससे बच्चे का फोटो आईडी प्रूफ मांग लिया। महिला परेशान होकर एक बार फिर मायूस हो घर वापस जाने को मजबूर हो गई।

यूपी 100 को आना पड़ा

मिलिट्री हॉस्पिटल की डॉ। मेघा बीते सैटरडे अपने दो बच्चों का स्कूल में एडमिशन कराने के लिए उनका आधार कार्ड बनवाने गई थी। आधार कार्ड बनवाने के लिए वह बर्थ सर्टिफिकेट व अन्य जरूरी डॉक्युमेंट्स साथ ले गई थी। आरोप है कि कर्मचारियों ने आधार बनाने से मना किया फिर बच्चों की फोटो आईडी मांगने लगे। जब बगैर एडमिशन फोटो आईडी देने की असमर्थता जताई तो वह बहस करने लगे। आखिर में उन्हें यूपी 100 का सहारा लिया। पुलिस कांस्टेबल दीपक चहल वहां पहुंचे, तो स्टाफ ने उनसे भी ठीक से बात नहीं की। डीएम तक मामला पहुंचने की चेतावनी के बाद ही स्टाफ ने आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया श्ाुरू की।

आवेदकों को ठहराया गलत

टीम जब जब सेंटर के अंदर पहुंची, तो वहां करीब 50 से ज्यादा लोग रजिस्ट्रेशन काउंटर के पास खड़े दिखे। कार्यालय में हंगामे सा माहौल था। आवेदकों को दौड़ाए जाए पर जब सेंटर ओनर अजय अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने आवेदकों को ही गलत ठहरा दिया। कहा लोगों को कुछ समझते हैं नहीं, लड़ने लगते हैं। कुर्सियां खाली हैं पर कोई बैठेगा नहीं, काउंटर पर भीड़ लगाएंगे तो कर्मचारी परेशान होकर कुछ भी कह सकता है। ऐसे में लोग आरोप लगाते हैं। जबकि यहां हर किसी के साथ सही से बर्ताव किया जाता है। डॉ। मेघा के साथ हुए अभद्र व्यवहार के आरोप पर भी सेंटर ओनर ने महिला को गलत ठहराया और कहा कि उन्होंने बात को ठीक से समझा नहीं और गलत कंप्लेन कर दी।

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फॉर योर इनफॉर्मेशन

- 5 साल तक के कम उम्र के बच्चों का बायोमेट्रिक डाटा नहीं लिया जाता।

- बच्चों का आधार कार्ड उनके माता या पिता के आधार से लिंक होता है।

- 5 साल उम्र से ज्यादा के ही बच्चों का बायोमेट्रिक डाटा लिया जाता है।

- बच्चों का बर्थ सर्टिफिकेट होना ही जरूरी है। फोटो आईडी नहीं।

- पेरेंट्स का एड्रेस प्रूफ, फोटो आईडी या आधार कार्ड अनिवार्य

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आधार कार्ड के लिए बच्चों का फोटो आईडी मांग रहे हैं। दो साल की बेटी है, इसका फोटो आईडी कहां से लाऊं। तीसरी बार आना पड़ा है। बार बार दौड़ा रहे।

पूनम, आवेदक

बहू का आधार कार्ड बनवाने के लिए 5वीं बार आना पड़ा हैं। पहले पति का बनवाया तो कर्मचारियों ने पता ही गलत भर दिया है। उसे भी ठीक कराना है।

भगवान देई, आवेदक

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Posted By: Inextlive