Allahabad: देश की कई सरकारी मशीनरियां नशामुक्ति के लिए युद्धस्तर पर अभियान छेड़े हुए हैं. लोगों को अवेयर करने के लिए सरकारी कोष का एक बड़ा हिस्सा खर्च किया जा रहा है. बावजूद इसके अभियान में शामिल पुरोधाओं को इस बात की हमेशा कोफ्त रहती है कि युवाओं की एक बड़ी खेप उनकी गाइडलाइन को फालो नहीं कर रही. लेकिन अगर आपको पता चले कि इस फेहरिस्त में एक ऐसा नाम भी शामिल है जिसके कंधे पर बहुत हद तक देश का फ्यूचर टिका हुआ है तो हर किसी को आश्चर्य होगा. इस स्टोरी को पढ़कर जानिए आखिर कौन हैं वो लोग जो कानून की बात करते हैं और खुद कानून तोडऩे पर आमादा हैं...


निषेध है फिर भीकमीशन के अन्दर कैम्पस में कार्यावधि के दौरान बड़ी संख्या में ऐसे आफिसर्स और इम्प्लाई मिल जाएंगे, जिनमें अधिकतर को मुंह में पान दबाए या गुटखा चबाते देखा जा सकता है। मौका मिलने पर ये कैम्पस में ही सिगरेट का कश लगाने से भी बाज नहीं आते। यह हाल तब है जब कमीशन के अन्दर धूम्रपान पूरी तरह से निषेध है। यहां बहुतायत में महिलाएं भी वर्क करती हैं। जैसा अन्दर वैसा ही बाहर भीकैम्पस के अन्दर का जो हाल है। ठीक वैसा ही नजारा आपको कैम्पस के बाहर भी देखने को मिल जाएगा। आफिसर्स और इम्प्लाइज की तलब का आलम यह है कि वे कार्यावधि के दौरान ही बाहर निकलने से भी नहीं चूकते। चेयरमैन ने दी हिदायद
कमीशन में नशा करने वाले आफिसर्स और इम्प्लाइज की लत का अंदाजा इसी बात सें लगाया जा सकता है कि कमीशन के सेक्रेटरी को इस पर नियंत्रण लगाने के लिए आफिस आर्डर जारी करना पड़ गया। जिसमें कमीशन के चेयरमैन का हवाला देते हुए कहा गया है कि चेयरमैन ने निरीक्षण के दौरान सेवानुभागों और गेस्ट रूम तक में धूम्रपान के मामले पाए हैं। चेयरमैन की ओर से हिदायत दी गई है कि लंच अवधि से पहले और बाद में चाय या अन्य किसी भी प्रकार के धूम्रपान का उपयोग न किया जाए। हालांकि, कमीशन में इस आर्डर पर कुछ आफिसर्स चुटकी भी लेने से नहीं चूक रहे। उनकी चुटकी का आशय लंच टाइम में चाय और धूम्रपान की छूट दिए जाने से है।

Posted By: Inextlive