आपका काम घटिया, क्यों न काम का ऑडिट कराया जाए
- जिला प्रशासन करेगा सभी बिल्डिंग्स का सेफ्टी ऑडिट
- सभी नई बिल्डिंग्स सीएंडडीएस ने बनवाई आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज में बनी नई मेटरनिटी विंग में पत्थर गिरने के बाद प्रशासनिक जांच शुरू हो गई है। इस बिल्डिंग की कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस जलनिगम ने ही अस्पताल में बनी दूसरी बिल्डिंग्स का निर्माण कार्य कराया है। ऐसे में दूसरी बिल्डिंग्स की क्वालिटी पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है। अस्पताल प्रशासन ने जिला प्रशासन को सभी बिल्डिंग्स की सेफ्टी ऑडिट कराने के लिए लिखा है। कार्यदायी संस्था के काम का होगा ऑडिटअस्पताल प्रशासन ने कार्यदायी संस्था सी एंड डीएस के काम का ऑडिट कराने का फैसला लिया है। साथ ही संस्था को भी नोटिस भेजा गया है कि जो कार्य संस्था द्वारा कराया गया है, घटना को देखते हुए पता चलता है कि उन्होंने इसमें मानकों के अनुसार कार्य नहीं किया और बिल्डिंग की क्वालिटी घटिया स्तर की है।
नहीं हुई फॉसनर की प्रक्रियायदि किसी बिल्डिंग पर टाइलें चिपकानी होती है तो उसे फॉसनर प्रक्रिया से लगाइ जाती है। इसके तहत टाइलों को मसाले से लगाने के अलावा उसे बोल्ट से कसा भी जाता है जिससे टाइल गिरे नहीं। फॉसनर के लिए 20 रुपए प्रति टाइल के हिसाब से चार्ज लगता है। लेकिन संस्था ने यह चार्ज बचाने के लिए सिर्फ मसाले से टाइलें चिपकाकर इतिश्री कर ली।
45 किलो का था पत्थर जो पत्थर मृतक प्रदीप के सिर पर गिरा, उसका वजन करीब 45 किलो था। जानकारी के अनुसार टाइल का बड़ा हिस्सा गिरा था। इतने भारी हिस्से के चौथी मंजिल से गिरने से उनका सर फट गया था। अब पुरानी बिल्डिंग में होगी ओपीडी अस्पताल प्रशासन ने बिल्डिंग को हैंडओवर होने से पहले ही उसमें ओपीडी लगाना शुरू कर दिया था। जगह की कमी के चलते अस्पताल प्रशासन ने यह कदम उठाया था। लेकिन घटना के बाद अस्पताल प्रशासन किसी भी तरह का रिस्क लेने से बच रहा है। गायनिक विभाग की फिर से पुरानी बिल्डिंग में ही होगी।