घर बैठे कर सकते हैं अपनी सीट लॉक
कई कॉलेज में एक भी स्टूडेंट नहींजीबीटीयू के वीसी प्रो। आरके खंडल ने माना कि जो काउंसलिंग की प्रक्रिया अपनाई जा रही है, उससे एडमीशन लेने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में हर साल गिरावट देखी गई है। उन्होंने बताया कि स्टेट के कई कॉलेज ऐसे हैं जिनके यहां काउंसलिंग के माध्यम से एक भी स्टूडेंट एडमीशन नहीं लेते। ऐसे कॉलेज डायरेक्ट एडमीशन के जरिए ही कुछ स्टूडेंट्स की भर्ती कर पाते हैं। यहां तक कि गवर्नमेंट कॉलेजेज में भी कई कोर्सेज की सीटें फुल नहीं हो पातीं।Stepwise counsellingजीबीटीयू की काउंसलिंग जुलाई के फस्र्ट वीक से स्टार्ट हो सकती है। इस बार एडमीशन के लिए स्टेपवाइज काउंसलिंग प्रोसीजर लागू होगा। यह प्रोसीजर इस बार बीएड काउंसलिंग में भी यूज किया गया, जो काफी हद तक हेल्पफुल रहा।Seat lock करें कहीं भी
इस नए प्रोसीजर के जरिए स्टूडेंट्स को कहीं भी सीट लॉक करन की आजादी दी गई है। उसे कॉलेज फिक्स करने के लिए अब सेंटर्स पर नहीं जाना होगा। नए प्रोसीजर के तहत दो स्टेप में काउंसलिंग कराई जाएगी। पहले स्टेप पर स्टूडेंट्स को निर्धारित सेंटर पर जाकर अपना डॉक्यूमेंट वैरीफाई कराना होगा। इसके बाद उन्हें आईडी पासवर्ड दिया जाएगा। सेकेंड स्टेप में स्टूडेंट सीट लॉक करेगा और फीस भरकर सीट कंफर्म करा लेगा। सेकेंड स्टेप में स्टूडेंट कहीं भी घर बैठे या साइबर कैफे में जाकर आईडी पासवर्ड के जरिए सीट लॉक कर सकता है। सीट लॉक करने और फीस जमा करने के लिए स्टूडेंट को फिक्स टाइम दिया जाएगा।दी जाएगी एक bookletइस नए प्रोसीजर के दौरान स्टूडेंट्स को डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन के दौरान एक बुकलेट प्रोवाइड की जाएगी। इसमें से जीबीटीूय से एफिलिएटेड सभी कॉलेजेज की लिस्ट और उनमें संचालित कोर्सेज व सीट्स की डिटेल्स दी गई होगी। जिससे सीट लॉक करते वक्त स्टूडेंट्स को कॉलेज चूज करने में सहूलियत हो सके।Counselling procedure करने की जरूरत
वीसी प्रो। आरके खंडल ने बताया कि जो काउंसलिंग प्रोसीजर अब तक अपनाया जाता रहा है वह टाइम टेकिंग के अलावा स्टूडेंट्स को सहूलियतें कम प्रॉब्लम्स ज्यादा दे रहा है। स्टूडेंट्स के लिए सेंटर्स काफी दूर होते हैं। काउंसलिंग इतनी लंबी होती है कि उन्हें बार-बार सेंटर्स पर जाना होता है। बार-बार सेंटर्स पर जाना भी स्टूडेंट्स के लिए किसी दुश्वारी से कम नहीं है। इसके साथ ही सीट फिल करने के लिए जो टाइम दिया जाता है वह भी काफी कम है। इन्हीं सब वजहों से स्टूडेंट्स यहां के काउंसलिंग प्रोसीजर में इंट्रेस्ट नहीं दिखा रहे हैं। प्रो। आरके खंडल ने बताया कि अब समय आ गया है कि काउंसलिंग प्रोसीजर को रिवाइज किया जाए। उन्होंने बताया कि इसके लिए एनआईसी के अधिकारियों के साथ कई राउंड मीटिंग हो चुकी है और सुझाव भी आए हैं।