-फ्री सीट में दिया एमबीबीएस कराने का झांसा

-झांसे में आकर दो परिजनों ने गवाएं लाखों रुपए

-पुलिस ने अज्ञात खिलाफ दर्ज की रिपोर्ट, जांच शुरू

DEHRADUN : जालसाज ठगों ने एमबीबीएस में दाखिला का झांसा देकर दो लोगों को लाखों का चूना लगा दिया। मामला डालनवाला थाना एरिया का है। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

बेटे को बनाना चाहते थे डाक्टर

दरअसल, करनपुर निवासी श्याम लाल जल संस्थान में कार्यरत है। उनका बेटा आकाश एमबीबीएस में एडमिशन के लिए सिटी के एक प्राइवेट इंस्टिट्यूट से कोचिंग कर रहा है। गत क्8 नवंबर को उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया, जिसमें बताया गया था कि एमबीबीएस में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन करें। ऑनलाइन आवेदन के लिए कॉलेज की वेबसाइट भी मैसेज में उपलब्ध कराई गई थी। श्याम लाल ने यह बात अपने साथ काम करने वाले अन्य सहयोगी संजय कुमार को बताई। दोनों ने वेबसाइट खोलकर देखा तो उस पर हल्दिया मेडिकल कॉलेज पश्चिम बंगाल की सूचना थी।

फ्री सीट एडमिशन का दिया झांसा

वेबसाइट पर बिना डोनेशन के एमबीबीएस में एडमिशन की बाते लिखी हुई थी। जिस कारण दोनों लोग झांसे में आ गए। श्याम लाल ने बेटे आकाश व संजय कुमार ने बेटे सुमित के दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया। आवेदन के बाद दोनों ने वेबसाइट पर दिए गए प्रिंसिपल के नंबर पर फोन किया। जिसमें प्रिंसिपल ने खुद का नाम डॉ। शिव अरोड़ा बताते हुए कहा कि एमबीबीएस में दाखिले के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। किसी भी पूछताछ के लिए वे कांउसलर सिद्धार्थ कुमार से बात करें।

एकाउंट में डाले पैसे

दोनों ने सिद्धार्थ से बाते करनी शुरू कर दी। आरोप है कि सिद्धार्थ ने कुछ समय बात फिर दोनों को मैसेज कर बताया कि आकाश व सुमित का एमबीबीएस फ्री सीट में एडमिशन के लिए सिलेक्ट हो चुके हैं, जिसके लिए सिक्योरिटी मनी के तौर पर ख् लाख ख्क् हजार रुपए वे उसे भेज दें। बेटों के फ्री सीट में एडमिशन के झांसे में आकर दोनों ने ख्क् नवंबर को सिद्धार्थ द्वारा दिए गए बैंक ऑफ बड़ौदा के एकाउंट नंबर पर पैसे डाल दिए।

मेडिकल कॉलेज निकला फर्जी

कुछ दिन इंतजार करने के बाद दोनों ने फिर से वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर फोन करना शुरू किया तो दूसरी तरफ से बोल रहे व्यक्ति ने एडमिशन की बात को पक्की बताते हुए और पैसों की डिमांड की। सारा पैसा कॉलेज के नाम डिमांड ड्राफ्ट के बजाय पहले दिए गए एकाउंट नंबर पर डालने की बात कही। यह बात श्याम लाल और संजय को कुछ अटपटी लगी। ठगे जाने की आशंका के बाद दोनों ने मामले की जांच पड़ताल की तो पता चला कि हल्दिया मेडिकल कॉलेज के नाम से पश्चिम बंगाल में कोई कॉलेज नहीं है। जिस पर दोनों ने संयुक्त रूप से पुलिस को शिकायत दी। इंस्पेक्टर डालनवाला अनिल जोशी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।

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कोचिंग इंस्टिट्यूट से मिलते हैं नंबर

सवाल यह है कि कैसे जालसाजों को उन लोगों का फोन नंबर पता चल जाता है, जिन्हें अपने लाडलों का प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन करना होता है। जानकारों की माने तो यह सब कुछ कोचिंग इंस्टिट्यूट के जरिए किया जाता है। वहीं से प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन चाहने वाले बच्चों के परिजनों के नंबर मिल पाते हैं, हालांकि कोचिंग इंस्टिट्यूट यह सब इसलिए करते हैं ताकि परिजन अप टू डेट रहे। उन्हें कॉलेज की तरफ से यह जानकारी मिल सके कि वहां कौन से कोर्स में एडमिशन किए जा रहे हैं। कॉलेज भी ऐसे लोगों को मैसेज के जरिए एडमिशन के लिए बुलाता है, लेकिन जालसाज इसी बात का फायदा अपने हक में उठा रहे हैं।

Posted By: Inextlive