- विभागीय गड़बड़ी बनी नए कालेजों की मान्यता मिलने में बाधक

- नए कालेजों की मान्यता नहीं होने से बड़ी संख्या में दाखिले से वंचित रह जाएगे अभ्यर्थी

ALLAHABAD: पिछले कुछ सालों में परिषदीय स्कूलों में लगातार अलग-अलग शिक्षक भर्ती ने डीएलएड को लेकर युवाओं में क्रेज बढ़ा दिया है। यहीं कारण है कि हर साल डीएलएड में दाखिले के लिए लाखों की संख्या में अभ्यर्थी आवेदन करते है। कम सीटों की वजह से कुछ अभ्यर्थियों को ही मौका मिल पाता है। इस बार भी बड़ी संख्या में डीएलएड में दाखिले के लिए इंतजार में बैठे अभ्यर्थियों की उम्मीद पूरी होती नहीं दिख रही है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि नए डीएलएड कालेजों की मान्यता की अटकी फाइल। इस बार नए डीएलएड कालेज की मान्यता के लिए सूबे के अलग-अलग जिलों से करीब 350 नए कालेज के प्रबंधकों ने मान्यता के लिए आवेदन किया था। जिससे अभ्यर्थियों को उम्मीद थी कि नए डीएलएड कालेजों को मान्यता के मिलने के बाद दाखिले के लिए सीटों में तेजी से इजाफा होगा। लेकिन विभागीय शिथिलता के कारण इस बार ऐसा होना संभव नहीं हो सका।

अप्रैल तक होनी थी नए कालेजों की मान्यता

नए डीएलएड कालेजों की मान्यता के लिए फाइलों को तेजी से निपटाने के निर्देश दिए गए थे। जिससे मान्यता को लेकर सभी नियमों का पालन किया जा सके। मान्यता के लिए निर्धारित शिड्यूल के अनुसार अप्रैल के आखिर तक मान्यता देने का कार्य पूरा किया जाना था। ऐसे में इस बार देरी से शुरू हुए आवेदन प्रक्रिया को देखकर यह उम्मीद थी कि इस बार नए मान्यता प्राप्त कालेजों को भी एडमिशन के लिए सीटें मिलेगी, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। वहीं मान्यता के लिए आवेदन करने वाले कालेज मैनेजमेंट का आरोप है कि उनसे अवैध धन उगाही की जा रही है। ऐसा नहीं करने के कारण ही उनकी मान्यता की फाइल अटकी है। जबकि मान्यता को लेकर सभी नियमों का पालन किया गया था। उसके बाद भी मान्यता को अटका कर रखा गया है। ऐसे में सूबे के लाखों अभ्यर्थियों का सपना फिलहाल इस बार भी पूरा होता नहीं दिख रहा है।

Posted By: Inextlive