हौसला

-एड्स पीडि़त बच्चों ने बनाए आकर्षक दीए

अंधेरे में उम्मीदों के दीए

- समाज में जागरूकता भी फैला रहे बच्चे

- बच्चों की प्रतिभा की सराहना कर रहे शहरवासी

Meerut । अंधेरे को जीतने का जज्बा हो, जीवन की दुश्वारियां भी सपनों का नया सोपान बन जाती हैं.उम्मीदें फलक पर उतरने लगती हैं और हौसले से हकीकत बदलने लगती हैं। जी हां शहर के सत्यकाम मानव सेवा समिति में रह रहे बच्चे अपनी जिजीविषा से समाज को नई सीख दे रहे हैं। यही नहीं अंधेरों को चीरने के लिए गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चे उम्मीदें के दीए बना रहे हैं।

बच्चों ने बनाए दीए

सत्यकाम मानव सेवा समिति में तकरीबन 12 एड्स पीडि़त बच्चे रहते हैं। ये बच्चे कई मौकों पर अपने हुनर को लोहा मनवाते हैं। इस बार उन्होंने कई आकर्षक दीयों को निर्माण किया। जिन्हें शहर के विभिन्न स्थानों ने स्टॉल लगाकर ग्राहकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसको शहरवासियों ने बखूबी पसंद किया।

हुनर का लोहा मनवाया

सत्यकाम सेवा समिति के दीपक कुमार बताते हैं अपने हुनर और लगन के माध्यम से बच्चे समाज में जागरूकता फैला रहे हैं। उन्होंने बताया कि एड्स पीडि़त बच्चों ने पेंटिंग, दीए, कंडील और कई आकर्षक बंदनवार बनाए हैं। जिनके स्टाल आईएमए, भैसाली ग्राउंड, रोटरी क्लब में लगाए गए थे। जिनमें शहरवासियों ने काफी रुचि भी दिखाई थी।

जागरूकता फैला रहे बच्चे

एक ओर बच्चे अपने हुनर से सभी का मन मोह रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर एड्स जैसी गंभीर बीमारी को लेकर भी समाज में जागरूकता फैला रहे हैं। त्योहारों के मौके पर आम से लेकर खास तक बच्चों के बीच पहुंचकर अपने बचपन को याद करते हैं। उनके बीच जीवन के उस सच को समझने का प्रयास करते हैं। जो अपने नन्हे हौसले से दुश्वारियों के अंधेरे को चीर रहा है।

वर्जन

इस दीपावली पर बच्चों ने कई आकर्षक दीए, पेटिंग, और बंदरवार तैयार किए हैं। जिनके लिए शहर के विभिन्न जगहों में स्टॉल लगाए गए थे। इसमें शहरवासियों ने खासी रुचि दिखाई। बच्चों की प्रतिभा को हर किसी प्रोत्साहित किया।

-दीपक कुमार

सत्यकाम मानव सेवा समिति

Posted By: Inextlive