मलेरिया वार्ड में ताला लटका मिला तो एडीएसआईसी सस्पेंड
मलेरिया का कहर
2018 - 2530 मलेरिया के केस मिले - 50 पशेंट की हुई थी मौत - 6 लाख बजट मिला था मलेरिया विभाग को - 4 लाख बजट नगर निगम को मिला था 2019 - 13000 केस मलेरिया के अब तक मिले - 08 मरीज भर्ती हैं जिला अस्पताल में - 04 लाख का बजट मलेरिया विभाग को मिला - 10 लाख का बजट नगर निगम को जारी किया गया - नगर निगम और मलेरिया विभाग ने एक से दो बार फॉगिंग और कैंप लगाकर पल्ला झाड़ा ----------------- 40 को नोटिस, 20 पर जुर्मानामलेरिया विभाग और नगर निगम को ऐसे घरों और स्थानों में छापा मारना था, जहां एडीज मच्छरों का लार्वा हो। लेकिन इस साल सात माह में महज 40 लोगों को ही नोटिस जारी किया गया। वहीं 20 लोगों से जुर्माना वसूला गया है।
बैठक के दौरान अफसरों ने ठंड के मौसम के मद्देनजर जिला अस्पताल में शेल्टर होम बनाने की बात कही। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि शेल्टर होम बनाने के लिए निगम अन्य कोई स्थान का चुनाव करे, जिला अस्पताल में शेल्टर होम नहीं बनाने दिया जाएगा, इससे गंदगी फैलती है। जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वर्जन जिला अस्पताल को सितंबर तक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शिफ्ट करने के स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिए हैं। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर तैयारी की जाएगी। डॉ। विनीत शुक्ला, सीएमओ। ---------------------------------
- हेल्थ मिनिस्टर सिद्धार्थनाथ सिंह ने समीक्षा बैठक के दौरान सुनाया आदेश - मेडिकल टीम के निरीक्षण के बाद दी गई रिपोर्ट के आधार पर की कार्रवाईबरेली : हेल्थ मिनिस्टर सिद्धार्थनाथ सिंह ने सैटरडे को इंस्पेक्शन के दौरान मंडलीय अपर निदेशक और प्रमुख अधीक्षक (एडीएसआईसी) डॉ। टीएस आर्या को सस्पेंड कर दिया। मिनिस्टर ने यह कार्रवाई उस टीम की रिपोर्ट के आधार पर की है, जो दो दिन पहले थर्सडे को जिला अस्पताल का इंस्पेक्शन करने आई थी। टीम को इंस्पेक्शन के दौरान मलेरिया वार्ड में ताला लटका मिला था। यहां के मरीजों को अन्य वार्डो में भर्ती किया गया था। इस पर टीम ने एडीएसआईसी डॉ। टीएस आर्या से स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए थे। इसकी रिपोर्ट टीम ने शासन को भेजी थी।
मलेरिया से मौत हुई तो खैर नहीं समीक्षा बैठक के दौरान एडीएसआईसी डॉ। टीएस आर्या का सस्पेंशन ऑर्डर जारी करने के बाद मिनिस्टर ने कहा कि कम्युनिकेबल डिसीज की रोकथाम में जरा सी भी चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मलेरिया का प्रकोप बढ़ रहा है ऐसे में शासनादेश की गाइड लाइन के अनुसार रोकथाम की जाए। अगर मलेरिया और बुखार से एक भी मौत होती है तो जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अटकी रही सांसेंदो दिन से चल रहे मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के निरीक्षण से स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों और कर्मचारियों की सांसे अटकी रहीं। सैटरडे को सुबह से जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं चाक चौबंद नजर आई। परिसर की साफ-सफाई दुरुस्त कराई गई तो मरीजों से भी शालीनता से डॉक्टर बात करते नजर आए।
वर्जन डिपार्टमेंट समय-समय पर अभियान चलाकर लोगों को मलेरिया से बचने के उपाए बताए जाते हैं। शहरी क्षेत्र में मलेरिया से बचाव की जिम्मेदारी नगर निगम की है। अब सिटी में भी मलेरिया के केस बढ़ रहे हैं। देशराज सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी। सिटी में मलेरिया की रोकथाम के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है। जिनके यहां लार्वा मिलेगा, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। मलेरिया विभाग की हर संभव मदद निगम की ओर से की जाएगी। सैमुअल पॉल एन, नगर आयुक्त। - मोहल्ले में मच्छर अधिक हैं, अप्रैल की शुरुआत में नगर निगम की गाड़ी फॉगिंग के लिए आई थी इसके बाद दोबारा कोई झांकने तक नहीं आया। गुड्डू, बांस मंडी। - पिछले वर्ष मलेरिया का प्रकोप मोहल्ले में अधिक था, इस वर्ष भी पहले जैसे हालात बनते दिख रहा हैं। विभागों की ओर से कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। सौरभ, मढ़ीनाथ। ----------------------- यह भी जानें - 2013 में शुरू हुआ था सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण - 2015 तक पूरा होना था, अब तक अधूरा- 43 करोड़ रुपए था, जो बढ़कर 73 करोड़ रुपए हुआ
300 बेड के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शिफ्ट होगा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल - सितंबर तक हॉस्पिटल में सभी अधूरे काम पूरे करने के निर्देश - जरूरत पड़ने पर मेडिकल कॉलेज भी बनाया जा सकता है : मंत्री बरेली। जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं से जल्द ही मरीजों के साथ डॉक्टर्स और स्टाफ को भी निजात मिल जाएगी। जिला अस्पताल को खुर्रम गौटिया रोड पर बने 300 बेड के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाएगा। सैटरडे को विकास भवन में समीक्षा बैठक के दौरान सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ सिंह ने सितंबर तक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सभी अधूरे काम पूरे करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके बाद हॉस्पिटल का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर इसे मेडिकल कॉलेज भी बनाया जा सकता है। समीक्षा बैठक से पहले उन्होंने सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस मौके पर सीएमओ विनीत शुक्ला, जिला अस्पताल के एडीएसआईसी डॉ। टीएस आर्या, महिला अस्पताल की सीएमएम डॉ। अलका शर्मा समेत अन्य कई अधिकारी मौजूद रहे। नहीं बनेगा शेल्टर होम