pranay.priyambad@inext.co.inPATNA : बिहार का हेल्थ सिस्टम कितना तंदुरूस्त है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एंबुलेंस के लिए राशि देने के बावजूद इसकी खरीद नहीं की गई. एक ओर जहां कार्डियक अटैक के कई मरीज समय पर इलाज के अभाव में मौत के मुंह में चले जाते हैं वहीं खास तौर से ऐसे मरीजों के लिए एडवांस लाइफ एंबुलेंस की खरीद ही नहीं कर पाया स्वास्थ्य विभाग.

 

 

एक साल निकल गया फिर भी

जानकारी के मुताबिक आपदा प्रबंधन विभाग ने 2014-15 में 47 एडवांस लाइफ एंबुलेंस के लिए 8 करोड़ रुपए आवंटित किए। यह राशि तेहरवीं वित्त आयोग की थी। इसे मार्च 2015 तक खर्च हो जाना था लेकिन व्यवस्था की लचर स्थिति ही कहिए कि 2015 निकल गया और 2016 आ गया पर इन एंबुलेंस की खरीद अब तक नहीं की जा सकी है।

 

अब गेंद चीफ सेक्रेट्री के पाले में

विभागीय जानकारी के मुताबिक आपदा विभाग ने राज्य के 38 जिलों के लिए एक-एक एंबुलेंस के लिए राशि दी । आगे लगा कि मेडिकल कॉलेजों में भी एंबुलेंस होने चाहिए। इसके बाद बड़े जिलों में एक और एंबुलेंस देने की योजना बनाई गई। इस बीच मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी बढ़ी। इस तरह 35 जिलों, 8 मेडिकल कॉलेजों, पटना एम्स, आईजीआईएमएस, आईजीआईसी, हड्डी अस्पताल के लिए एडवांस लाइफ एंबुलेंस की खरीद के लिए 8 करोड़ रुपए दिए गए। लेकिन इसका बैंड बजा दिया स्वास्थ्य विभाग ने। सूत्रों के अनुसार यह फाइल अब चीफ सेक्रेट्री के पास भेजी गई है जिस पर निर्णय होना बाकी है।

 

एडवांस लाइफ एंबुलेंस की खासियत ये होती है कि इसमें वैसे मरीजों को बचाते हुए अस्पताल तक पहुंचाया जा सकता है जिनका रिस्पेटरी सिस्टम फेल हो गया हो, से मेंटेनेंस कर सकते हैं। इस एंबुलेंस में ईएमटी (इंपॉटेंट मेडिकल टेक्नीशियन) भी होते हैं।

-जीके सिंह, डायरेक्टर, एम्स पटना

Posted By: Inextlive