अधिवक्ता कानून में संशोधन के खिलाफ वकीलों ने खोला मोर्चा

ALLAAHABAD: अधिवक्ता कानून में प्रस्तावित संशोधन के विरोध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता देशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए। हड़ताल के चलते कोर्ट में न्यायिक कामकाज ठप रहा। शुक्रवार को हड़ताल में शामिल हुए समस्त अधिवक्तओं ने प्रस्तावित संशोधन के वकील विरोधी होना बताया और इसे लागू न होने के लिए हर स्तर पर संघर्ष का संकल्प लिया।

बेहद कठोर हो जाएगी व्यवस्था

इलाहाबाद उच्च न्यायालय परिसर के मुख्य गेट के सामने सुबह एक बैठक की गई। बैठक की अध्यक्षता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने की। अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए बार अध्यक्ष ने कहा कि विधि आयोग केअध्यक्ष न्यायमूर्ति बीएस चौहान द्वारा लाया गया अधिवक्ता संशोधन विधेयक बहुत कठोर है। प्रस्तावित संशोधन के मुताबिक एक न्यायधीश या एक न्यायिक अधिकारी यदि एक वकील को अनुशासनहीनता का दोषी पाता है तो वह उस अधिवक्ता को अपना पक्ष रखने का अवसर दिए बगैर उसका लाइसेंस निरस्त कर सकता है। अध्यक्ष ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन में बार काउंसिल आफ इंडिया की कार्य प्रणाली में भी भारी बदलाव की सिफारिश की गई है। टैक्स बार एसोसिएशन की तरफ से आयोग के खिलाफ कक्ष संख्या 15 में एक बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें बार कौंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर हड़ताल का समर्थन किया गया। सभी अधिवक्ताओं ने एक मत से विधि आयोग के सुझावों की अलोचना की की और इसे अप्रासंगिक बताया। हड़ताल में शामिल अधिवक्ताओं में हाईकोर्ट बार महासचिव सुरेश चन्द्र पाण्डेय, उपाध्यक्ष मंगला प्रसाद त्रिपाठी, कार्यकारिणी सदस्य आराधना सिंह, रमेश चन्द्र पटेल, राजेश श्रीवास्तव, अरविंद कुमार मिश्र, विपिन श्रीवास्तव शमिल रहें।

बाक्स में

पीएम को भेजा ज्ञापन

इस मौके पर एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में अधिवक्तागण अमेण्डेमेंट बिल वापस लो के नारे लगाते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। इस मौके पर अजीत भाष्कर ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक व लोकहित के विपरित है। अधिवक्ता वेतनभोगी नहीं होता, इसलिए विधेयक में प्रस्तावित कार्यवाही उचित नहीं है। अगर आयोग इसे वापस नहीं लेता है तो अधिवक्ता सड़क से संसद तक आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस अवसर पर चन्द्र प्रकाश निगम, विक्रम सिंहा, रूपेन्द्र नाथ, जितेन्द्र सिंह यादव, मो अनस, राकेश कुमार, अजीत कुमार, उत्तम गौतम समेत सैकड़ों की संख्या में अधिवक्तागण मौजूद रहे।

बाक्स

डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में ठप रहा काम

एडवोकेट एक्ट में प्रस्तावित संशोधन के विरोध में शुक्रवार को जिला अदालत के अधिवक्ता भी हड़ताल पर रहे। दिनभर कचहरी परिसर में काम काज पूरी तरह से ठप था। इससे वादकारियों को काफी परेशानी हुई। ग्रामीण क्षेत्र और दूरदराज से कचहरी पहुंचे वादकारी किसी तरह अपने अपने मुकदमों की सुनवाई के लिए अगली तारीख ली और फिर घर लौट गए। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राकेश तिवारी और मंत्री कौशलेश सिंह ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करते हुए वकीलों को इसके बारे में जानकारी दी।

Posted By: Inextlive