-एआरटीओ ने बीएस-6 के लिए डीलर्स को जारी किया नोटिस, स्टाक क्लियर करने का निर्देश

-डीलर्स के पास काफी संख्या में बचे हैं वाहन, बढ़ी चिंता

-वाहनों पर ऑफर के चक्कर में फंसे लोगों को देना पड़ रहा एफिडेविट

VARANASI

बीएस-6 वाहनों की ही अप्रैल माह से बिक्री होगी। इसके चलते शहर के वाहन शोरूम अपने पास मौजूद बीएस-4 को वाहनों को जल्द से जल्द बेच देना चाहते हैं। इसके लिए जबरदस्त ऑफर भी दे रहे हैं। अगर आप ऑफर के चक्कर में वाहन खरीदने की तैयारी कर रहे हैं तो जरा संभल जाइए। बीएस-4 वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए एफिडेविड देना होगा। यह एफिडेविड वाहन में सीएनजी किट लगवाने के लिए देना होगा है। एक अप्रैल से आरटीओ में बीएस-4 वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। उससे पहले सभी डीलर्स को बीएस-4 वाहन बेचने का निर्देश दिया गया है। 31 मार्च के बाद डीलर के पास वाहन बचते हैं तो उसके लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे। एआरटीओ प्रशासन एके राय ने छोटे-बड़े सभी वाहन डीलर्स को लेटर जारी कर आदेश को अमल में लाने का निर्देश दिया है। साथ ही जल्द ही मीटिंग बुलाने की बात कही है। साथ ही उन्हें वाहनों का स्टाक तैयार करने को भी कहा गया है।

ताकि पॉल्यूशन हो कंट्रोल

बनारस में एयर पॉल्यूशन बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह से लोगों की सेहत बिगड़ रही है। प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट ने अप्रैल-2017 से बीएस-4 लागू किया था। इसके बाद बीएस-5 नियमों को अपनाए बगैर ही अप्रैल-2020 से बीएस-6 वाहनों का रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। शहर के कई डीलर्स के यहां बड़ी संख्या में छोटे-बड़े बीएस-4 वाहन स्टॉक में पड़े हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है की क्या करें। उधर, वाहन स्वामी भी गाड़ी खरीदने में इंट्रेस्ट नहीं दिखा रहे हैं। जबकि कई डीलर्स ने वाहनों के रेट कम कर दिए हैं। इसके चक्कर में पड़ने वालों का फंसना तय है।

यह है बीएस

बीएस का तात्पर्य भारत स्टेज से है। यह एक ऐसा मानक है जिससे भारत में गाडि़यों के इंजन से फैलने वाले पॉल्यूशन को मापा जाता है। इस मानक को भारत सरकार ने तय किया है। वहीं बीएस के आगे नंबर बीएस-3, बीएस-4 लगा है। बीएस के आगे नंबर के बढ़ते जाने का मतलब है उत्सर्जन के बेहतर मानक, जो पर्यावरण के लिए सही है। बीएस की संख्या बढ़ने के साथ गाड़ी से उतने ही कम प्रदूषण होते हैं।

31 मार्च तक बीएस-4 के सभी वाहनों का रजिस्ट्रेशन कर सभी डिलर्स उसे एचएसआरपी अपलोड करना सुनिश्चत कर लें। इसके बाद एजेंसी में बीएस-4 वाहन न बचे। वहीं वाहनों का स्टाक भी तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

हरिशंकर सिंह, आरटीओ

Posted By: Inextlive