भारत और पाकिस्‍तान करीब 18 साल बाद इंटरनेशनल कोर्ट में आमने-सामने खड़े हैं। इससे पहले मामला 1999 का था। जब पाकिस्‍तान ने भारत के ऊपर नौसेना के विमान मार गिराए जाने का आरोप लगाकर इंटरनेशनल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।


नया मामला है कुलभूषण जाधव कापाकिस्तान करीब अठारह साल पहले भारत के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में गया था। उस वक्त पाकिस्तान ने अपने नौसेना के विमान मार गिराए जाने को लेकर भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अदालत में इंसाफ की गुहार लगाई थी।सोमवार से आईसीजे जो कि संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यायिक अंग है वह कुलभूषण जाधव मामले की नीदरलैंड के हेग स्थित ग्रेट हॉल ऑफ जस्टिस में सार्वजनिक रूप से सुनवाई करने जा रहा है। यहां पर दोनों पक्ष जाधव मामले पर उत्पन्न विवाद को लेकर अपने-अपने तथ्य पेश करेंगे। 1999 में भारतीय वायुसेना ने मार गिराए पाक टोही विमान


इससे पहले 10 अगस्त 1999 को जब भारतीय वायुसेना ने कच्छ में एक पाकिस्तानी समुद्री टोही विमान अटलांटिक को सीमा में घुसकर निरीक्षण करते समय मार गिराया था। इस विमान शूटिंग में पाकिस्तान के 16 नौसैनिक मारे गए थे। जिसके बाद पाकिस्तान ने दावा करते हुए कहा कि उनके विमान को उनकी ही सीमा के अंदर मार गिराया गया और भारत से इसके लिए हर्जाने के तौर पर 60 मिलीयन डॉलर की भरपाई करने को कहा।आईसीजे से पाक को मिला था झटका

अंतर्राष्ट्रीय अदालत की सोलह सदस्यीय न्यायिक पीठ ने साल 2000 की 21 मई को 14-2 मतों से पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया। यह फैसला न्यायिक पीठ की अध्यक्षता कर रहे फ्रांस के गिलबर्ट गुईल्लेम ने भरे सभा में सुनाया। यह फैसला कोर्ट का अंतिम आदेश था जिसके खिलाफ फिर से अपील करने का कोई भी प्रावधान नहीं था। पाकिस्तान की तरफ से 21 सितंबर 1999 को दाखिल किए गए केस में आईसीजे ने यह पाया कि वह मामले उनके न्यायिक सुनवाई के अधिकार में नहीं आता है।

International News inextlive from World News Desk

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari