35 साल बाद बना पूर्ण चंद्रग्रहण का योग, जानिए क्या होगा प्रभाव?
Meerut: इस साल 31 जनवरी को करीब 35 साल बाद पूर्ण खग्रास चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है। इससे पहले वर्ष 1983 में यह योग बना था विशेषज्ञों की मानें तो यह ग्रहण बीमार बच्चों व अतिवृद्धों को छोड़ कर सूतक काल में नकारात्मक प्रभावी रेडिएशन पड़ने के कारण सभी राशियों के जातकों के लिए नुकसान दायक हो सकता है। खग्रास पूर्ण चंद्र ग्रहण इसके बाद 150 साल बाद दिखाई देगा। ग्रहण के दौरान सभी मंदिरों के कपाट सूतक लगते ही बंद हो जाएंगे।
ग्रहण का समयदिल्ली और उसके आस-पास चन्द्र उदय का समय शाम 5.58 मिनट से है इस प्रकार आसपास के क्षेत्र में चन्द्र ग्रहण भी शाम 5.58 बजे से ही प्रारम्भ होगा। ग्रहण में ये रखें ध्यानअपने खाद्य व पेय पदार्थों में गंगाजल व तुलसी डालने से हानिकारक ग्रहण के रेडिएशन के कुप्रभाव शिथिल हो जाते हैं। साथ ही ध्यान रखें ग्रहण सूतक काल में न तो मिक्सी चलायें, न ही तेज धारदार चाकू आदि से कोई फल, सब्जी काटें अन्यथा उस खाद्य पदार्थ में नकारात्मक ऊर्जा की तीखी हानिकारक तरंगें प्रवेश कर सकती हैं। विशेषतौर पर गर्भवती स्त्रियां अपने पेट, कमर में गंगाजल डाल कर गेरु का लेप करें तथा कुशा का आसन पेट के चारों ओर लपेट कर विश्राम करें और ग्रहण न देखें।
राशियों पर प्रभाव मेष- शारीरिक मानसिक रोग व अशांति वृष- धन लाभ के योग से अनुकूल मिथुन- आर्टिक हानियों से अशुभ कर्क : दुर्घटना आदि से शारीरिक कष्ट सिंह- धन व स्वास्थ्य हानि से अशुभ कन्या- धन लाभ व उन्नति तुला- सुख समृद्धि में वृद्धि वृश्चिक- अपमान, चिंता, अपयश धनु- अकास्मिक समस्या, दुर्घटना मकर- दाम्पत्य सुख में कमी कुंभ- सफलता व सुख प्राप्ति मीन- शारीरिक मानसिक पीड़ा दान और मंत्र से मिलेगा लाभ इस बार ग्रह योगों की स्थिति अनुसार खाद्य पदार्थ, कपड़ों का दान जरुरतमंदों का करना लाभकारी होता है। विशेष दान के पदार्थ हैं नारियल, चार सौ ग्राम बदाम, आठ सौ ग्राम काली उड़द और आधा लीटर सरसों का तेल दान करें।ग्रहण से पूर्व चन्द्रमा को बल देने के लिए ऊँ सोम सोमाय नम: और ग्रहण काल में ग्रहण लगाने वाले केतु का बीज मंत्र ऊँ केम केतुवे नम: समेत ग्रहण उतरने के बाद पुन: चन्द्रमा का मंत्र ऊँ सोम सोमाय नम: जपें।
ग्रहण समय शाम 5:18 से 8:42 तकसूतक सुबह 8:18 से 5.18
प्रबल सूतक दोपहर 1:18 बजे से
दान समय शाम 7:39 से 8.42 यह चन्द्र ग्रहण कर्क राशि के पुष्य अष्लेशा नक्षत्र में पड़ रहा है इसलिए जो लोग इनमें जन्म लिये हैं उन्हें विशेष रूप से ग्रहण के कुप्रभावों से बचने के सभी साधन व दान, जप अवश्य करने चाहिए।पं। भारत ज्ञान भूषण, ज्योतिष विद इस ग्रहण के दौरान मंगल की युति बनने के कारण मेष, कर्क, कुंभ, सिंह राशियों के लिए थोडी हानि हो सकती है। इससे बचने के लिए मंगल का दान करें।डॉ। अनुराधा गोयल, ज्योतिषाचार्य
विभिन्न राशियों के जातकों द्वारा पूजा पाठ करने से ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। इसके लिए कई राशियों के अनुसार विभिन्न पूजन का लाभ लिया जा सकता है।
पं। श्रवण कुमार