- सरकार की मदद के इंतजार में थी लाइब्रेरी, अब मिलेगी मदद

- प्रदेश में राजकीय पुस्तकालयों को हाईटेक करने का प्लान

आई स्पेशल

MEERUT- जिले का एकमात्र राजकीय पुस्तकालय हाईटेक होगा। छह लाख रुपए में पुस्तकालय में बाल कक्ष, गार्डन व साइकिल स्टैंड बनवाया जाएगा। 5 से 60 वर्ष तक के लोगों के लिए मुफ्त कम्प्यूटर शिक्षा भी दी जाएगी। बच्चों के खिलौने भी आ रहे हैं। खबरों को देखने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई जाएगी। मुफ्त में वाईफाई की सुविधा शुरु हो जाएगी।

जीआईसी के पास है लाइब्रेरी

सूबे के प्रथम आठ पुस्तकालयों में एक राजकीय जिला पुस्तकालय मेरठ भी है। पुस्तकालय जीआईसी के बगल में ही है। पुस्तकालय को अभी तक सरकारी मदद का ही इंतजार था। इस पुस्तकालय के लिए निर्धारित न्यूनतम स्थान का मानक 349.50 वर्ग मीटर है, लेकिन यह अभी पुस्तकालय मानक के 80 वर्ग मीटर कम जगह में ही बना है। पुस्तकालय का निर्माण 1956 में हुआ था। पुस्तकालय में 40 हजार से अधिक पुस्तकें हैं। इसमें उपन्यास, सम्राट मुंशी प्रसाद प्रेमचंद व प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन समेत कई हिंदी के नामी साहित्यकारों समेत विवेकानंद व अन्य महापुरुषों की जीवनी , सामान्य ज्ञान के साथ प्रतियोगिता के लिए भी किताबें है।

ये हैं पुस्तकालय के हालात

- वर्ष 1956 से अब तक 5 हजार 880 सदस्य

- वर्तमान में 400 रेगुलर पाठक

- विभिन्न विषयों पर आधारित करीब 40 हजार पुस्तकें

- 70 लोगों के बैठकर पढ़ने की व्यवस्था।

- 80 से 90 पाठक रोज पहुंचते हैं पुस्तकालय

- सालाना खर्च के लिए मिलते हैं 20 हजार रुपए

प्रतियोगी किताबों का संग्रह

विभिन्न सरकारी सेवाओं की तैयारी के लिए लाइब्रेरी में पत्र-पत्रिकाओं के साथ ही यूजीसी नेट, पीएचडी, बैंक पीओ, सिविल सेवा, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, शिक्षण पात्रता, परीक्षा, रेलवे, आदि से संबंधित प्रतियोगिता की किताबें भी यहां मंगाई जा रही हैं।

कराया जाएगा रिनोवेशन

पुस्तकालय भवन की मरम्मत और सुविधाओं के लिए छह लाख रुपए का बजट पास किया है। अब पुस्तकालय भवन के बगल में साईकिल स्टैंड के साथ ही पार्क बनेगा। इसके साथ ही प्राइमरी की किताबें व शुरुआत में ही कम्प्यूटर की शिक्षा का प्रयास किया जाएगा। पुस्तकालय में पांच से 14 साल तक के बच्चों के लिए भी अलग से रुम में खिलौने, हाथी-घोड़ा भी आएंगे।

गार्डन बनाया जाएगा

पुस्तकालय में एक बाल कक्ष व गार्डन बनाया जाएगा। बच्चों की प्राइमरी की बुक्स व शुरुआती के दौर में ही कम्प्यूटर की शिक्षा देने का प्रयास भी किया जाएगा। पुस्तकालय में बच्चों के साथ ही बुजुर्गो को मुफ्त कम्प्यूटर की शिक्षा दी जाएगी। पुस्तकालय भवन के सदस्यों को इंटरनेशनल न्यूज देखने के लिए ओपेक कम्प्यूटर भी देने का प्लान बनाया है। वाईफाई की सुविधा व पांच हजार नई बुक्स भी मिलेंगी।

क्या कहते हैं पुस्तकालय के पाठक

मैं पुस्तकालय की रेगुलर पाठक हूं, प्रतिदिन तीन घंटों मैं यहां आकर अपने कम्पटीशन एग्जाम की तैयारी करती हूं।

-गरिमा,

पुस्तकालय में बहुत ही शांति होती है, इसलिए पढ़ने के लिए यहां आता हूं। मैं यहां दो महीने से आ रहा हूं, अधिकतर किताबें मिल जाती है।

-शोभित

मैं यहां काफी सालों से आ रहा हूं, मुझे पुस्तकालय में पढ़ने में अच्छा लगता है। क्योंकि यहां माहौल मिलता है, जिससे पढ़ाई अच्छी होती है।

-सुधांशु

राजकीय पुस्तकालय में प्रतियोगिताओं की किताबें हैं, मैं रेलवे सहित विभिन्न एग्जाम देती रहती हूं, इसलिए यहां पढ़ने आती हूं।

-विदिशा

ये कहते हैं अधिकारी

भवन निर्माण व अन्य विकास के लिए अनुदान मंगाया गया था। अभी तक कम्प्यूटर ऑपरेटर की कमी के चलते हमें दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन अगर हाईटेक हो जाएगा तो बहुत ही फायदा होगा।

-राकेश चंद्र, पुस्तकालय अध्यक्ष, जीआईसी, मेरठ

Posted By: Inextlive