गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, रामपुर, पिलखुआ, लोनी, अनूपशहर व बिजनौर के लिए भी यही निर्णय

-वीए टेक वाबैग कंपनी के साथ हुआ करार, 10 साल तक मेंटेनेंस व ऑपरेशन का करेंगे काम

LUCKNOW:

आगरा, मेरठ, गाजियाबाद समेत दस शहरों की सीवेज व्यवस्था की जिम्मेदारी निजी हाथों में दे दी गई है। सरकार ने उक्त शहरों के लिए वीए टेक वाबैग कंपनी के साथ शुक्रवार को करार किया। कंपनी इन शहरों में 10 साल तक सीवेज व्यवस्था के रखरखाव, संचालन व प्रबंधन का काम करेगी। वह एक माह के अंदर इन शहरों में सीवेज व्यवस्था व ट्रीटमेंट प्लांट अपने कब्जे में लेकर काम शुरू कर देगी।

इन शहरों की जिम्मेदारी

गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, रामपुर, पिलखुआ, लोनी, अनूपशहर व बिजनौर आदि शहरों की सीवेज व्यवस्था निजी हाथों में दी गई है।

दो जोन में बांटा

सरकार ने इन शहरों को दो जोन में बांटा है। आगरा में केवल आगरा शहर रहेगा। यहां कंपनी को सात सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), 30 पंपिंग स्टेशन व 910 किलोमीटर का सीवर नेटवर्क संभालना होगा। इसके लिए सरकार हर साल कंपनी को 42.80 करोड़ रुपये देगी। दूसरा जोन गाजियाबाद है। यहां बाकी के नौ शहरों को जोड़ा गया है। इसमें 15 एसटीपी, 15 सीवेज पंपिंग स्टेशन व 2794 किलोमीटर का सीवर नेटवर्क है। इसका रखरखाव, संचालन व प्रबंधन कंपनी करेगी। इसके लिए उसे हर साल 104.90 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। कंपनी दोनों जोन में 24 घंटे सातों दिन चलने वाला कॉल सेंटर शुरू करेगी। इसमें सीवर लाइन चोक संबंधी शिकायत आने पर उसे 24 घंटे के भीतर ठीक किया जाएगा। कंपनी के साथ करार के मौके पर नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि स्थानीय स्तर पर जल निगम व अन्य एजेंसियां एसटीपी का संचालन ठीक से नहीं कर पा रही थीं। इसलिए अब यह काम बड़ी पेशेवर कंपनियों को सौंपा गया है। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 'वन सिटी वन ऑपरेटर' की तर्ज पर यह काम दिया गया है। कंपनियों को भुगतान उनके प्रदर्शन पर आधारित होगा। जितना सीवेज ट्रीटमेंट कंपनियां करेंगी, उतना उन्हें भुगतान किया जाएगा। इसमें जुर्माने का भी प्रावधान है। इस मौके पर जल निगम के एमडी विकास गोठलवाल के साथ ही इन शहरों के नगर आयुक्त व अधिशासी अधिकारी शामिल थे।

जल्द दिखेंगे परिणाम

वीए टेक वाबैग कंपनी के सीईओ पंकज सचदेवा ने बताया कि दोनों ही जोन में एक महीने में इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी अपने कब्जे में ले लेगी। गाजियाबाद जोन में कई एसटीपी बंद हैं पहले इन्हें सरकार चालू करके हमें देगी। इसके बाद हम इनका संचालन, रख-रखाव व प्रबंधन करेंगे। इन शहरों में करीब छह महीने में अच्छे परिणाम दिखने लगेंगे।

लखनऊ में हो चुका है करार

लखनऊ की सीवेज व्यवस्था सुएज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को सौंपी गई है। इसका करार एक अक्टूबर को हो चुका है। यहां पर 401 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट व इससे संबद्ध सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर एवं सीवर नेटवर्क का रखरखाव निजी कंपनी 10 साल तक करेगी।

Posted By: Inextlive