पिछले कुछ सालों से Facebook पर फर्जी खबरों की बाढ़ सी आ गई है। इससे आम जनता या सरकारें ही परेशान नहीं हैं अब फेसबुक के सीईओ भी इससे काफी परेशान हैं। तभी तो FB CEO मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक प्‍लेटफॉर्म पर खबरों की विश्‍वसनीयता का पता लगाने के लिए एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। फेक न्‍यूज से आखिर कैसे निपटेगा फेसबुक जानिए आगे।

फेक न्यूज से सनसनी फैलाने वालों की होगी बोलती बंद

यूं तो जब से फेसबुक ने अपनी न्यूजफीड में बदलाव किया है, तब ये यूजर्स से लेकर बड़ी मीडिया कंपनियां तक हर कोई इसी की चर्चा कर रहा है। अब फेसबुक ने यूजर्स के बीच अपनी शाख को और मजबूत करने के इरादे से एक नया कदम उठाया है। Facebook पर फेक न्यूज की बढ़ती संख्या और शेयरिंग पर लगाम लगाने और सच्ची खबरों को और ज्यादा वायरल बनाने के इरादे से कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग ने न्यूज फीड का रियल टाइम सर्वे कराने का फैसला लिया है। प्रतिमाह दो करोड़ यूजर वाले फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा, 'यह कदम सनसनीखेज खबरों पर लगाम लगाने और गुणवत्ता आधारित न्यूज स्रोतों की पहचान के लिए उठाया जा रहा है। फेसबुक के इस फैसले फर्जी न्यूज चलाकर कमाई करने वाली न्यूज साइट्स का झटका लग सकता है।


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न्यूज सोर्स की विश्वसनीयता जांचने के लिए फेसबुक करेगा हर एक मीडिया कंपनी का यूजर सर्वे

सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक ने फेक न्यूज को नियंत्रित करने के लिए सर्वे कराने का फैसला किया है। फेसबुक अब अपने सदस्यों के बीच सर्वे करा साइट की न्यूज फीड में विश्वसनीय समाचार स्रोतों की प्राथमिकता निर्धारित करेगा। फेसबुक के अधिकारी या विशेषज्ञ नहीं बल्कि इसके यूजर ही न्यूज आउटलेट की रैंकिंग निर्धारित करेंगे। सोशल साइट के इस कदम ने दुनियाभर के मीडिया घरानों को चौंका दिया है। इससे फेसबुक पर उपलब्ध न्यूज कंटेंट की संख्या भी घटने की संभावना है। 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए रूस समर्थित अकाउंट से फेसबुक पर विज्ञापन और गलत खबरें खूब प्रसारित की गई थीं। इसके बाद से फेसबुक सवालों के घेरे में आ गया था। इनके अतिरिक्त विशेष विचार और राजनीति वर्ग को समर्थन देने के लिए भी फेसबुक को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। न्यूज फीड में बड़े बदलाव के साथ साथ अब फेक न्यूज सर्वे कराके फेसबुक अपनी खोई हुई शाख फिर से वापस पाना चाहता है।


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Posted By: Chandramohan Mishra