- पब्लिक स्कूलों में लिए जा रहे हैं पेरेंट्स और स्टूडेंट के इंटरव्यू

- राइट टू एजुकेशन एक्ट के अनुसार स्टूडेंट व पेरेंट्स का इंटरव्यू है इलीगल

Meerut- सिटी के पब्लिक स्कूलों में नौनिहालों का एडमिशन कराना पेरेंट्स के लिए टेढ़ी खीर हो गया है। कई स्कूलों में नर्सरी व फ‌र्स्ट क्लास के लिए पेरेंट्स और स्टूडेंट दोनों का ही इंटरव्यू लिया जा रहा है। जबकि आरटीई के नियमों के अनुसार ऐसा करने पर रोक है।

हो रहे हैं अजीबोगरीब सवाल

पब्लिक स्कूलों में हर साल की तरह इस बार भी पेरेंट्स के इंटरव्यू हो रहे हैं। पेरेंट्स से उनकी सेलेरी, इंग्लिश बेस की नॉलेज परखी जा रही है, पेरेंट्स से उनकी एजुकेशन व बिजनेस व जॉब व नॉलेज के बारे में भी पूछा जा रहा है। स्कूलों में फ‌र्स्ट और नर्सरी क्लास के एडमिशन के लिए पेरेंट्स से यह भी सवाल किया जा रहा है कि आप इसी स्कूल में क्यों एडमिशन करवाना चाहते है? अपने बच्चे की अच्छी शिक्षा के लिए आप क्या कर सकते हैं? देश के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे? पहले राष्ट्रपति कौन थे? अभी देश में एजुकेशन सिस्टम में किस तरह के बदलाव की आवश्यकता है? अगर आप एजुकेशन सिस्टम में बदलाव करते तो सबसे पहला क्या बदलाव होता आदि।

आरटीई के अनुसार है इलीगल

दिल्ली हाईकोर्ट ने भी पेरेंट्स के इंटरव्यू को इलीगल बताते हुए बैन लगाया था। इसके साथ ही राइट टू एजुकेशन एक्ट के अनुसार भी बच्चों के एडमिशन के लिए पेरेंट्स के इंटरव्यू को गैर कानूनी ही समझा जाता है।

स्कूल बना रहे हैं बचने के बहाने

स्कूलों के अनुसार पेरेंट्स से केवल हल्की-फुल्की जानकारी ली जा रही है। स्कूलों के अनुसार पेरेंट्स से केवल उनके बच्चों के नाम, एज, एड्रेस आदि इसी तरह की बेसिक जानकारी ली जा रही है। प्रिंसिपल्स के अनुसार पेरेंट्स से उनके नाम व बच्चे की एज पूछना गैर कानूनी नहीं है। उधर पेरेंट्स की मानें तो उनसे इससे हटकर विभिन्न तरह के सवाल स्कूल पूछ रहे हैं।

क्या कहते है पेरेंटस

मैं अपनी बेटी का एडमिशन करवाने गई थी। वहां पर हमें खुद इंटरव्यू फेस करना पड़ा था। इसके अलावा एक स्कूल में तो एडमिशन के लिए मेरी रिलेटिव को इंटरव्यू देना पड़ा है।

सतनाम, सदर

पेरेंटस के इंटरव्यू लिए जा रहे हैं। वहां तो बकायदा बच्चों के टेस्ट भी लिए जा रहे हैं।

मनीषा, थापरनगर

मैंने तो पिछले साल भी एक स्कूल में एडमिशन के लिए अप्लाई किया था। इस बार भी किया है। पेरेंट्स और बच्चों दोनों के इंटरव्यू होते हैं। स्कूलों में इंटरव्यू लेना ठीक बात नहीं है।

दिव्या, बेगमबाग

कुछ स्कूल पेरेंट्स के इंटरव्यू ले रहे हैं, उनसे उनकी नॉलेज के बारे में भी सवाल किए जा रहे हैं। जरुरी तो नहीं है कि अगर हमें अपने बच्चे को पढ़ाना है तो एडमिशन के लिए खुद पढ़ना होगा।

अलका, शास्त्रीनगर

गलत है पेरेंट्स का इंटरव्यू

पेरेंट्स से उनका नाम पूछने तक तो सही है। लेकिन अगर उनसे कुछ उल्टे सीधे सवाल किए जा रहे हैं तो वह गैर कानूनी है। ऐसे स्कूलों कि खिलाफ पेरेंटस आवाज उठा सकते हैं।

मौ.युसूफ अली, एडवोकेट

स्कूलों में पेरेंट्स का इंटरव्यू लेना बहुत ही गलत बात है। आरटीई के नियम के अनुसार पेरेंट्स का इंटरव्यू लेना इलीगल ही माना जाता है।

दिव्या, सीनियर एडवोकेट

केवल नॉर्मल होते हैं सवाल

हम पेरेंट्स से केवल उनके नाम व बेसिक नॉलेज की ही बात करते हैं। इंटरव्यू नहीं लिया जाता है।

मधु सिरोही, प्रिंसिपल एमपीजीएस

हमारे स्कूल में कोई इंटरव्यू नहीं लिया जाता है। केवल उनसे हल्के फुल्के सवाल जैसे नाम, पता और बच्चे का नाम ही पूछा जाता है।

विशाल जैन, डायरेक्टर, शांति निकेतन

पेरेंट्स से केवल बेसिक सवाल किए जाते हैं। हमने किसी का इंटरव्यू नहीं लिया है। बेसिक सवाल तो हर स्कूल करता है।

प्रेम मेहता, प्रिंसिपल, सिटी वोकेशनल स्कूल

स्कूल इंटरव्यू नहीं लेते हैं केवल बेसिक सवाल किए जाते हैं। अगर कोई स्कूल पेरेंट्स के इंटरव्यू लेता है तो वो गलत है।

राहुल केसरवानी, सहोदय सचिव

Posted By: Inextlive