- पोषण मिशन कार्यक्रम को मंडल भर में प्रभावी रूप से संचालित करने के कमिश्नर ने दिए निर्देश

- अतिकुपोषित बच्चों के पेरेंट्स को मनरेगा में कार्य, पेंशन, एनआरएलएम योजना का मिलेगा लाभ

- कुपोषण से जंग में सभी धर्म, जाति से संबंधित समाजसेवियों से मांगा सहयोग, कहा करें जागरूक

BAREILLY:

जिले में बढ़ रहे कुपोषण को कंट्रोल करने के लिए अब आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल के तर्ज पर डेवलप किया जाएगा। ताकि बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र से कतराने की बजाय वहां हर हाल में पहुंचे। कमिश्नर डॉ। पीवी जगनमोहन ने थर्सडे को आयुक्त सभागार में आयोजित पोषण मिशन की बैठक में सीडीओ, सीएमओ, डीपीआरओ, डीपीओ, बीएसए को निर्देशित किया है। साथ ही, आर्थिक रूप से कमजोर पेरेंट्स को मनरेगा, एनआरएलएम और पात्र होने पर पेंशन से लाभान्वित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

चलाएं अवेयरनेस प्रोग्राम

कमिश्नर ने कहा कि कुपोषण मुक्त जिला बनाने के लिए प्रेग्नेंट महिलाओं की नियमित जांच, बच्चे का जन्म घरों की बजाय अस्पतालों में कराना, जन्म के आधे घंटे के अन्दर शिशु को मां का दूध पिलाने जैसी जरूरी कवायदों के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए। अस्पतालों के मैटरनिटी वार्ड में लगे टीवी पर मां को अवेयरनेस संबंधी डॉक्यूमेंट्री दिखाकर प्रोत्साहित करने को कहा है। किशोरियों को आयरन फॉलिक एसिड टेबलेट देने के निर्देश एबीएसए को दिए। साथ ही, एडी बेसिक को निर्देशित किया है कि जब तक स्कूलों में आयरन की टेबलेट नहीं जाती तब तक एबीएसए का वेतन रोक दिया जाए।

तैनात हों बाल रोग विशेषज्ञ

रूरल एरिया के सीएचसी, पीएचसी पर बच्चों में कुपोषण मुक्त कराने के लिए बाल रोग विशेषज्ञों की तैनाती करने के निर्देश दिए। सभी सरकारी डॉक्टर्स को कुपोषण के ट्रीटमेंट और पहचानने का प्रशिक्षण देने, प्राइवेट बालरोग विशेषज्ञ को सूची बनाने, सेवानिवृत्त डॉक्टर्स को मानदेय पर तैनात करने के निर्देश दिए। साथ ही, मंडल के डीपीआरओ को हिदायत दी कि ग्रामीण क्षेत्रों के प्राइमरी स्कूलों में रिबोर होने वाले हैंडपम्प 15 दिन में रिबोर कराने, मंडलीय व जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा गांव गोद लेकर निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

Posted By: Inextlive