- इलाके में साढ़े चार साल में हो चुकी 8 लोगों की मौत

- कई लोग स्किन डिजीज, इन्फेक्शन व सांस की बीमारी से पीडि़त

- वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को शिफ्ट करने की मांग पर स्थानीय लोगों ने शुरू किया आमरण अनशन

देहरादून।

सेलाकुई स्थित शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बीमारी बांट रहा है, बीमारी भी ऐसी जो जान ले ले। दिसंबर 2015 में यहां प्लांट शुरू हुआ था, प्लांट को 4 वर्ष पूरे होने वाले हैं। लेकिन, पिछले साढ़े 4 माह के भीतर ही इलाके में 8 लोगों की कैंसर जैसी भयानक बीमारी से मौत हो चुकी है। इसके अलावा इलाके में जनस्वास्थ्य के लिए कूड़े के पहाड़ों से अटा ये प्लांट नासूर बनता जा रहा है। इसी कारण कड़ाके की सर्दी में भी इलाके के लोग प्लांट को यहां से हटाने के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं। मंडे से ये आंदोलन आमरण अनशन में तब्दील किया गया है।

साढ़े 4 माह में 8 की कैंसर से मौत

शीशमबाड़ा प्लांट लोगों के लिए खौफ और दर्द का सबब बना हुआ है। इस दर्द को मौत के आंकड़ों से समझा जा सकता है। बीते साढ़े चार माह के भीतर ही इलाके में 35 से 65 एजग्रुप के 8 लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है। इसके लिए इलाके के लोग शीशमबाड़ा प्लांट को दोषी मानते हैं। यहां कूड़े के पहाड़ों से उठती भीषण गंध, एयर पॉल्यूशन, वाटर पॉल्यूशन को लेकर इलाके के लोग अपनी सेहत को लेकर खौफ में हैं और कई माह से आंदोलन पर जुटे हैं।

कैंसर से इनकी मौत

सत्यप्रकाश जुयाल (65)

सुर्जन सिंह (50)

भीमदयी (50)

चंपा देवी (45)

बलवंत (40)

ममता सहगल (40)

श्याम सिंह (40)

यादराम (35)

यह कहते हैं डॉक्टर्स

दून हॉस्पिटल के ईएमओ डॉ। मुकेश उपाध्याय का कहना है कि एक उम्र के बाद इंसान की इम्यूनिटी कम होने लगती है। इसके कारण गंदगी युक्त स्थानों या ट्रेंचिंग ग्राउंड या सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट्स से जुड़े इलाकों में कमजोर इम्यूनिटी वालों को बीमारियां आसानी से घेर लेती हैं। उन्हें कैंसर तक हो सकता है और मौत भी हो सकती है। इससे सांस और एलर्जी की समस्या हो सकती है।

पॉल्यूशन से ये समस्याएं

- आसन नदी के किनारे हैं प्लांट, ऐसे में नदी का पानी हो रहा दूषित।

- जगह-जगह लगें हैं सड़ रहे कूड़े के ढेर, ऐसे में हवा हो रही दूषित।

- प्लांट से निकलने वाली गैस और गंध का 10 किमी एरिया में प्रभाव।

- लोगों में बढ़ गई स्किन एलर्जी की प्रॉब्लम।

- सांस के रोगियों की भी बढ़ी संख्या।

- वाटर बोर्न बीमारियों की चपेट में हैं कई लोग।

- बच्चों की सेहत की ज्यादा चिंता।

- प्रदूषित पानी पीने से मर गईं वन गूर्जरों की कई भैंस।

- इलाके में दूषित हवा-पानी से कई पक्षियों की मौत।

ये इलाके प्रभावित

सेलाकुई

शीशमबाड़ा

शेरपुर

सिंघनीवाला

रामपुर

शंकरपुर

बहादुर पुर

धूलकोट

हरिपुर

भाऊवाला

सहसपुर

सभावाला

लक्ष्मीपुर

केस स्टडी- जानें पब्लिक की पीड़ा

एक

रेवा देवी जुयाल के पति की तीन माह पहले कैंसर से मौत हो चुकी है। वे बताती हैं इससे पहले पति को कोई बीमारी नहीं थी। अचानक ही कैंसर डायग्नोज हुआ और पति की मौत हो गई।

दो

जितेंद्र गुप्ता को सांस की बीमारी लग गई। कई बार आईसीयू में भर्ती कराने तक की नौबत आ गई। बार-बार सांस लेने में दिक्कत होने लगती है, इलाज कराते हैं लेकिन फिर बीमारी पकड़ लेती है।

तीन

बीना बमराड़ा का कहना है कि वह पहले स्वस्थ्य रहती थी। इलाके में प्लांट बनने के बाद से ही हवा जहरीली हो गई है। बार-बार बीमार रहने लगी है और इलाज चल रहा है।

चार

शीशमबाड़ा निवासी महेश कुकरेती को इन्फेक्शन के कारण अपना एक पैर गंवाना पड़ा। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले ही पैर में इन्फेक्शन हुआ था, इलाज के बाद भी ठीक नहीं हुआ तो पैर काटना पड़ा।

पांच

रोशनी देवी सेलाकुई इलाके में पिछले 15 साल से रह रही हैं। पहले तक कोई परेशानी नहीं थी। लेकिन कुछ समय से बार-बार बीमार रहने लगी है। डॉक्टर्स दूषित हवा-पानी को कारण बता रहे हैं।

छह

अमित अग्रवाल को स्किन इन्फेक्शन हो गया है। पैर व कान तक इन्फेक्शन पहुंच चुका है। बार-बार इलाज के बाद भी बीमारी ठीक नहीं हो रही।

अब आमरण अनशन पर बैठे लोग

शीशमबाड़ा प्लांट से परेशान हो चुके लोग लंबे समय से इसकी शिफ्टिंग के लिए आंदोलन कर रहे हैं। कई बार सरकारी अफसर व जनप्रतिनिधियों से मांग कर चुके हैं। लेकिन, कोई सुनने को राजी नहीं। मंडे को प्लांट के विरोध में लोगों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के संयोजक दौलत कुंवर के नेतृत्व में आंदोलन चल रहा है। आंदोलनकारियों ने 3 जनवरी को सचिवालय कूच की भी चेतावनी भी दी है।

Posted By: Inextlive