उत्‍तर प्रदेश के आगरा में स्‍थ‍ित आंबेडकर यूनिवर्सिटी में फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट बनाए जाने के मामले में अब वहां के एक क्‍लर्क ने सरेंडर कि‍या है। बतादें क‍ि इस मामले की जांच विशेष जांच टीम एसआईटी द्वारा की जा रही है। उल्लेखनीय है कि एसआईटी द्वारा गिरफ्तार किए गये किसी भी आरोपित को अभी तक जमानत नही मिल सकी है। यहां पढ़ें पूरा मामला...

हरीश कर्मचारी यूनियन का अध्यक्ष भी रह चुका
lucknow@inext.co.in (LUCKNOW) आगरा स्थित आंबेडकर यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट बनाने तथा फर्जी सत्यापन आख्या भेजने में लिप्त हरीशंकर उर्फ हरीश कसाना ने बुधवार को राजधानी की अदालत में सरेंडर कर दिया। उल्लेखनीय है इस मामले की जांच कर रही एसआईटी कई दिनों से हरीश कसाना की तलाश कर रही थी। यूनिवर्सिटी में वरिष्ठ लिपिक एवं चार्ट रूम प्रभारी के पद पर तैनात हरीश कर्मचारी यूनियन का अध्यक्ष भी रह चुका है।
एसआईटी का दावा दबाव में किया सरेंड
एसआईटी का दावा है कि हरीश कसाना ने गिरफ्तारी के दबाव की वजह से अदालत में सरेंडर किया है। उसने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट का रुख भी किया था लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली थी। वहीं इस दौरान एसआईटी ने इस प्रकरण में लिप्त पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जिससे हरीश की मुश्किलें बढ़ गयी थी। उल्लेखनीय है कि एसआईटी द्वारा गिरफ्तार किए गये किसी भी आरोपित को अभी तक जमानत नही मिल सकी है। इस प्रकरण में मध्य प्रदेश पुलिस भी छह आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। एसआईटी पिछले चार साल से इस मामले की जांच कर रही है। 

इंटर स्टेट क्राइम सेक्रेटेरियट का होगा गठन, UP समेत इन 4 राज्यों में अपराधियों पर रखेगा पैनी नजर

वरिष्ठ नागरिकों को अब हर माह 10,000 रुपये तक पेंशन, PMVVY में निवेश की रकम व मेंबरशिप लेने की डेट बढ़ी

Posted By: Shweta Mishra