-थानों से पुरानी रायफल थ्री नॉट थ्री की हो रही विदाई

-शहर-देहात के 15 थानों में पहुंची इंसास, एसएलआर

आगरा। सरकार ने अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को हाइटेक करने का निर्णय लिया है। आगामी समय में पुलिस अत्याधुनिक इंसास, एसएलआर हथियारों से लैस होगी। शहर और देहात के एक दर्जन से अधिक थानों में इन हथियारों को उपलब्ध कराया भी जा चुका है। पुलिस के आलाधिकारियों का मानना है कि अत्याधुनिक हथियारों से अपराधियों पर लगाम कसी जाएगी।

57 वर्ष पुरानी है थ्री नॉट थ्री

थ्री नॉट थ्री रायफल वर्ष 1962 में चलन में लाई गई, उस समय इसकी मार क्षमता 2200 वर्ग गज थी। जो अत्याधुनिक हथियारों की मार क्षमता से अधिक है। एक बार अपराधी थ्री नॉट थ्री के निशाने पर आ जाए तो उसका बच निकलना मुश्किल होता था। लेकिन, समय के साथ हाइटेक हुए अपराधियों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने भी पुलिस को हाइटेक करने का निर्णय लिया। मुम्बई में हुई एक आतंकी हमले में पुलिसकर्मियों के पास थ्री नॉट थी रायफल थी, जिसकी वजह से उन्हें अपनी जान तक गंवानी पड़ी। आगरा में भी एक चर्चित मोहित हत्याकांड में शूटरों ने इंसास रायफल का प्रयोग किया था। इस तरह के कई मामले उदाहरण बने हैं।

शहर और देहात के 15 थाने हुए लैस

पुलिस लाइन आरआई विनय कुमार शाही का कहना है कि जनपद आगरा के शहर और देहात में इंसास और एसअलआर की पहली खेप आ चुकी है। करीब 15 थानों में इन हथियारों को उपलब्ध कराया गया है। काफी समय से प्रदेश की पुलिस को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने की कवायद चल रही थी, जिससे हाइटेक हुए अपराधियों से आसानी से निपटा जा सके।

एसटीएफ को मिले अत्याधुनिक हथियार

प्रदेश में पहली बार वर्ष 1994 में एसटीएफ की टीम का गठन किया गया था। इस टीम में तेज व स्मार्ट पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया था। इसके साथ ही उन्हें अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया गया, जिसमें इंसास और एसएलआर जैसे हथियार शामिल थे। उन दिनों एक अपराधी से आजिज होकर इस टीम का गठन किया गया था।

पुलिस के साथ होमगार्ड भी होंगे ट्रेंड

अत्याधु़निक हथियार इंसास और एसअलआर को चलाने की ट्रेनिंग पुलिसकर्मियों को दी जाएगी। जिससे विपरीत परिस्थितियों में वह अपराधियों को ढेर कर उनके मंसूबों पर पानी फेर सकें। इसके साथ ही होमगार्डो को भी इस तरह के हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी।

वर्जन

थानों के मालखानों में वर्षो से रखीं थ्री नॉट थ्री रायफलों को धीरे-धीरे हटाया जाएगा, क्योंकि यह रायफल काफी पुरानी हो चुकी हैं। इनके स्थान पर अत्याधुनिक इंसास और एलएलआर को चलन में लाया जा रहा है। इससे अपराधियों को मुंह तोड़ जवाब दिया जा सकता है।

विनय कुमार शाही, आरआई

Posted By: Inextlive