-कृषकों की समस्याओं पर बेबाक बोले राज्यपाल

-कहा-पत्रकार हत्याकांड की विश्वसनीय जांच हो

ALLAHABAD: सैम हिग्गिनबॉटम इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेस (शियाट्स) में तीन दिवसीय तृतीय उत्तर प्रदेश कृषि विज्ञान कांग्रेस के समापन में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शिरकत की। उन्होंने कृषि से जुड़ी समस्याओं पर फोकस करते हुए संस्कृत के श्लोक की व्याख्या करते हुए कहा कि बुद्धिमान व्यक्ति का पहला लक्षण है कोई काम शुरू मत करो। जबकि दूसरा लक्षण है, काम शुरू करो तो उसे अंत तक ले जाओ उन्होंने यह कहकर कार्यक्रम में मौजूद कृषि विशेषज्ञों को इशारों-इशारों में बताया कि वे किस मकसद को लेकर एग्रीकल्चर साइंस कांग्रेस में आए हैं।

सरकार को भी घेरने से नहीं चूके

उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कृषि की उन्नति अनुसंधान कार्यो की सफलता से जुड़ी है। बोले की अनपढ़ किसान नहीं हम हैं। उन्होंने कहा कि हमें किसानों से जुड़ी भावनाओं को समझकर आगे बढ़ने की जरूरत है। इसके लिए विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं का निपटारा सुनिश्चित समय पर होना जरूरी है। राज्यपाल राम नाईक ने कृषकों को लेकर सरकार की मनोदशा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब कोई विपदा आती है तो केन्द्र सरकार कहती है कि उसने सहायता राशि रिलीज कर दी है। वहीं राज्य सरकार कहती है कि उसे पैसा मिला ही नहीं।

उत्कृष्ट वैज्ञानिकों को मिला सम्मान

इससे पहले राज्यपाल ने उत्कृष्ट वैज्ञानिकों को उपास फेलो अवार्ड से सम्मानित किया। यह पुरस्कार मुख्य रूप से प्रो। कीर्ति सिंह, प्रो। बसंत राम, डॉ.जी कोले, डॉ.एसबी मुदगल, डॉ.वीसी कुलश्रेष्ठ, प्रो। राजेन्द्र बी लाल, प्रो। मैथ्यू प्रसाद, डॉ.राजेन्द्र कुमार, प्रो.एसएस गौर, डॉ.एसएल गोस्वामी आदि शामिल थे। इसके अतिरिक्त भी विभिन्न श्रेणी के वैज्ञानिकों को भी पुरस्कार प्रदान किये गये। कार्यक्रम के संचालन सचिव प्रो। आरिफ ए ब्राडवे को राज्यपाल ने विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया। कार्यक्रम में देशभर से आए शिक्षाविद, वैज्ञानिक, पूर्व कुलपति आदि माैजूद रहे।

छोटे दिल वालों की बात न करें

कार्यक्रम के समापन के बाद राज्यपाल राम नाईक ने पत्रकारों से हुई बातचीत में शाहजहांपुर में हुए पत्रकार जगेन्द्र सिंह की हत्या के सवाल को पूरी गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पत्रकार सुरक्षित नहीं है। इसके लिए वे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि पत्रकार विपरीत परिस्थितियों में काम करते हैं। ऐसे में आम आदमी से ज्यादा पत्रकार की सुरक्षा महत्वपूर्ण है। राज्यपाल ने इस जघन्य हत्याकांड की विश्वसनीय तरीके से जांच किए जाने की वकालत की। उन्होंने ख्क् जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कुछ नेताओं के बेतुके बोल की बाबत सवाल किए जाने पर कहा कि जब सारी दुनिया ने योग को स्वीकार किया है, तब इस खुशी के दिन पर छोटे दिलवालों की बात नहीं चाहिए। हालांकि, उन्होंने मंत्री आजम खा पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

Posted By: Inextlive