अगर आपको वेट कम करना है तो बेहतर होगा कि आप फिटनेस को टारगेट करें न कि क्विक वेट लॉस को. डॉक्टर्स के मुताबिक वेट लॉस और फिटनेस दो अलग-अलग चीजें हैं जहां वेट लॉस टेम्पोरैरी और अनहेल्दी होता है वहीं फिटनेस वेट नॉर्मल रखने के साथ आपको लम्बे वक्त तक हेल्दी बनाए रखता है.

आप एक्सरसाइज क्यों करते हैं वेट लॉस के लिए या फिर फिटनेस के लिए? अगर आप पहले से ही पतले-दुबले हैं तो क्या आपको एक्सरसाइज की जरूरत नहीं है? इस सवालों को लेकर अकसर लोग कन्फ्यूज करते हैं. दिल्ली में फिटनेस एक्सपर्ट डॉ. राजीव वर्मा कहते हैं, ‘फिटनेस का मतलब स्लिम दिखना कतई नहीं होता है. दरअसल फिटनेस हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज और प्रॉपर रेस्ट से आता है. जहां फिटनेस से बॉडी फंक्शन बेहतर    होता है वहीं वेट लॉस में वेट तो कम होता है लेकिन इसका बॉडी पर निगेटिव असर भी पड़ता है.’

वेट लॉस और फिटनेस में फर्क
सभी तरह के फिटनेस में वेट लॉस इन्वॉल्व नहीं होता उसी तरह सभी तरह के वेट लॉस में फिटनेस भी इन्वॉल्व नहीं होता है. कोई भी क्रैश डाइटिंग, ओवर-एक्सरसाइजिंग, वेट लॉस पिल्स और वेट लॉस के दूसरे तरीके इस्तेमाल कर अनहेल्दी तरीके से वेट लूज कर सकता है.

अनहेल्दी वेट लॉस
अनहेल्दी वेट लॉस के जरिए बॉडी के मसल्स ही ज्यादा कम होते हैं इसका असर फैट पर बहुत ज्यादा नहीं होता है. अगर आपने वेट लॉस को टारगेट किया है तो हेल्दी लाइफ के फायदों को इग्नोर करना होगा.फिटनेस
फिटनेस को ध्यान में रखकर एक्सरसाइज करने से बॉडी में मसल्स वेट बढ़ते हैं और फैट कम होते हैं. आप ज्यादा से ज्यादा कैलोरीज लूज करते हैं और बॉडी स्ट्रांग होती है.

फिटेनस के फायदे
बॉडी के अलग-अलग सिस्टम पर एक प्रॉपर फिटनेस रूटीन कैसे फर्क डालता है, जानते हैं यहां...

रेस्पिरेटरी सिस्टम
हार्ट एक तरह का मसल होता है जो पूरी बॉडी में ब्लड और ऑक्सीजन को पम्प करता है. एक्सरसाइज ब्लड सर्कुलेशन में हार्ट की हेल्प करता है. अच्छे ब्लड सर्कुलेशन से बॉडी ऑर्गन्स बेहतर काम करते हैं. डाइजेस्टिव सिस्टम
ब्रीदिंग, वॉकिंग, और दूसरे फिजीकल एक्टिविटीज डाइजेस्टिव सिस्टम को इम्प्रूव करता है, जबकि वेट लॉस के लिए क्रैश डाइटिंग लेने से डाइजेस्टिव सिस्टम पूरी तरह से डिस्टर्ब हो सकता है. कार्डियोवास्कुलर सिस्टम
कार्डियोवास्कुलर सिस्टम बॉडी में ऑक्सीजन के साथ न्यूट्रिएंट्स पहुंचाने के लिए भी रिस्पांसिबल होता है. क्विक वेट लॉस की जगह फिटनेस रूटीन ऑप्ट करने से आप खुद को कार्डियोवास्कुलर सिस्टम से रिलेटेड डिसीज जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचा पाएंगे. नर्वस सिस्टम
नर्वस सिस्टम में ब्रेन और स्पाइनल कार्ड शामिल होता है. फिजिकल एक्टिविटी ब्रेन को शॉर्प बनाता है. अगर आप वेट लॉस को फॉलो करते हैं तो आपका ब्रेन थक सकता है जिससे आप बेहतर फिटनेस के लिए मोटिवेट नहीं हो सकते. एक्सरसाइज करने और हेल्दी डाइट लेने से आपको लांग टर्म बेनिफिट मिलेगा. Posted By: Surabhi Yadav