दो साल में पैसेंजर्स तीनगुना, मुंबई ढाई घंटे में
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GORAKHPUR: पहले गोरखपुर से मुंबई, बंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता जाने से पहले सौ बार सोचना पड़ता था. ट्रेंस का रिजर्वेशन पाना एक अलग परेशानी थी. इन सब के बाद कंफर्म टिकट मिल भी जाए तो इन जगहों तक पहुंचने में कई दिन लग जाते थे. गोरखपुराइट्स की ये परेशानी एयरपोर्ट के शुरू हो जाने के बाद खत्म हो गई है. देश के करीब हर एरिया से कनेक्टिविटी होने के बाद गोरखपुराइट्स का सफर बेहद आसान हो गया है. गोरखपुर एयरपोर्ट को पैसेंजर्स की हर सुविधा के हिसाब से हाईटेक बनाया गया है. साथ ही सुरक्षा का बेहतर इंतजाम भी यहां पर दिखता है.8 फ्लाइट्स, 2800 पैसेंजर्स
गोरखपुर में करीब दो साल पहले तक फ्लाइटें भी कम थीं और पैसेंजर्स की संख्या भी करीब एक हजार के आस-पास थी. पैसेंजर्स की कमी देख कोई भी एयरलाइंस कंपनी यहां से अपनी फ्लाइट नहीं उतार पा रही थी. लेकिन प्रजेंट समय की बात करें तो तीन एयरलाइंस की आठ फ्लाइट्स गोरखपुर से उड़ान भर रही हैं. वहीं पैसेंजर्स की संख्या भी दोगुनी से ज्यादा हो गई है. इस समय गोरखपुर एयरपोर्ट से डेली 2800 पैसेंजर्स सफर कर रहे हैं.
हाईटेक बना टर्मिनल, मिल रहीं सुविधाएं
गोरखपुर के एयरपोर्ट को हाइटेक बनाया गया है. देश की मेन जगहों से कनेक्टिविटी होने की वजह से यहां से ट्रैवलिंग आसान हो गई है. एसी टर्मिनल में 2 से 3 सौ लोगों के बैठने के लिए अच्छा सीटिंग अरेंजमेंट किया गया है.
कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ ही सेंसटिव एरिया होने के चलते गोरखपुर एयरपोर्ट पर बड़े एयरपोर्ट्स जैसी ही हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था नजर आती है. सिक्योरिटी पर्सनल्स के साथ ही आधुनिक जांच उपकरणों से गोरखपुर एयरपोर्ट पूरी तरह लैस है.पानी और अपग्रेडेड बाथरूम बनाते सफर आसान
पीने के पानी से लगाए हाईटेक बाथरूम का भी यहां बेहतर इंतजाम है. टर्मिनल के अंदर जाने के बाद किसी भी जरूरत के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. खासकर बच्चों के साथ सफर करने वालों के लिए ये इंतजाम काफी राहत पहुंचाते हैं. आईएलएस कराता सेफ लैंडिंग
ठंड के दिनों में कोहरे के चलते अक्सर फ्लाइट्स या तो लेट होती हैं या तो कैंसिल कर दी जाती हैं. गोरखपुर एयरपोर्ट पर भी पहले ये दिक्कत सामने आती थी. लेकिन बड़े एयरपोर्ट्स की तरह यहां भी इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) आ जाने के बाद ये दिक्कत काफी हद तक दूर हो गई है. अब मौसम बहुत ज्यादा खराब होने पर ही फ्लाइट्स पर इफेक्ट पड़ता है.
टाइमिंग मेंटेनेंस पर भी रहती नजर
गोरखपुर एयरपोर्ट पर पहले फ्लाइट्स की कोई फिक्स टाइमिंग ही नहीं थी. अक्सर फ्लाइट्स लेट रहती थीं. लेकिन अब एयरलाइंस और फ्लाइटस की बढ़ी संख्या के चलते बढ़े कॉम्प्टीशन ने ये समस्या भी दूर कर दी है. अब एयरलाइंस से जुड़े जिम्मेदार इस बात को लेकर पूरी तरह अलर्ट रहते हैं कि बेवजह फ्लाइट्स का अराइवल और डिपार्चर अफेक्ट ना हो.एयरपोर्ट तक पहुंचाती चमचमाती सड़क
गोरखपुर एयरपोर्ट तक जाने में पहले काफी समय लग जाता था लेकिन इस समय रास्ते में पड़ने वाले रेलवे गेट के नीचे अंडर पास बनने के बाद ये रास्ता बहुत ही आसान हो गया है. सिटी से निकलने के बाद चौढ़ी सड़क से कुछ ही समय में अब एयरपोर्ट तक पहुंचा जा सकता है.मोबाइल बता देगा फ्लाइट की लोकेशन
पब्लिक को फ्लाइट की लोकेशन के बारे में पता करने के लिए ज्यादा परेशान न होना पड़े इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ने जीपीएस सिस्टम लगाकर इसको आसान कर दिया है. पब्लिक कहीं से भी बैठकर इसका लोकेशन अपने मोबाइल से ही पता कर सकती है.
सामान छूट जाए तो फिक्र नहीं
एयरपोर्ट पर अगर किसी पैसेंजर का सामान छूट जाए तो भी उसे फिक्र करने की जरूरत नहीं हैं. सीसीटीवी से लैस टर्मिनल में छूटे सामानों को सेफ कस्टडी में रखा जाता है जिसे आईडी दिखाकर पैसेंजर्स आसानी से पा सकते हैं.
मुंबई के लिए गोरखपुर से दो फ्लाइट्स उड़ान भर रही हैं. दोनों ही फ्लाइट्स की सीटें फुल रह रही हैं. इसको देखते हुए एयरलाइंस तीसरी फ्लाइट भी चलाना चाह रही है, लेकिन जगह की कमी के कारण अभी ये संभव नहीं हो पा रहा है. उम्मीद है कि आगे मुंबई के लिए एक और फ्लाइट गोरखपुराइट्स को मिल सकेगी.गोरखपुर एयरपोर्ट एक नजर 1- रेग्युलर चलतीं 8 फ्लाइट्स.2- टर्मिनल पर बैठने, खाने-पीने का अच्छा इंतजाम.3- सुरक्षा का भी बेहतर इंतजाम.4- पानी और अपग्रेडेड बाथरूम की व्यवस्था.5- इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) से कोहरे में होती सेफ लैंडिंग.6- फ्लाइट्स की टाइमिंग मेंटेनेंस पर भी पूरा फोकस.7- एयरपोर्ट तक जाने के लिए अच्छी सड़क.8- मोबाइल से पता कर सकते फ्लाइट की लोकेशन9- सामान छूट जाने पर सेफ कस्टडी में रखा जाता10- फ्लाइट्स की संक्या बढ़ाने पर भी चल रहा काम.इन जगहों के लिए हवाई सेवागोरखपुर से मुंबई के लिए स्पाइस जेट की 2 फ्लाइट्स
हैदराबाद के लिए इंडिगो की एक फ्लाइट
दिल्ली के लिए एयर इंडिया और इंडिगो की एक-एक फ्लाइटकोलकाता के लिए इंडिगो की एक फ्लाइटबंगलुरु के लिए इंडिगो की एक फ्लाइटफैक्ट फिगरदो साल पहले डेली जाने वाले पैसेंजर्स - करीब 1000प्रजेंट में डेली जाने वाले पैसेंजर्स - करीब 2800वर्जनएयरपोर्ट को हाइटेक बनाने के लिए हर प्रयास किया जा रहा है. पैसेंजर्स को ज्यादा से ज्यादा जगहों के लिए यहां से फ्लाइट मिल सके इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है.- एके द्विवेदी, डायरेक्टर, गोरखपुर एयरपोर्ट