लीकर किंग विजय माल्‍या किंगफिशर एयरलाइंस के भी मालिक थे। उत्‍साह में उन्‍होंने सस्‍ता हवाई सफर कराने वाली एक एयरलाइंस को खरीद लिया। बस फिर क्‍या था उसी दिन से किंग्‍स ऑफ गुड टाइम्‍स की उलटी गिनती शुरू हो गई। आखिर में उनका बैड टाइम भी आया और 9 हजार करोड़ रुपये के फ्रॉड मनी लांड्रिंग के आरोपों के साथ उन्‍हें देश से फरार होना पड़ा। इधर ग्राहकों को एक रुपया में हवाई सफर के ऑफर के साथ वही कंपनी अब फिर से खुले आसमान में पंख फैलाकर उड़ान भरने को तैयार है।


माल्या ने खरीद ली सस्ती हवाई यात्रा कराने वाली विमान कंपनी2007 में शराब कारोबारी विजय माल्या ने 1200 करोड़ रुपये में एयर डेक्कन का अधिग्रहण कर लिया था। एयर डेक्कन देश में सस्ती विमान सेवा उपलब्ध कराने वाली पहली विमान कंपनी थी। विजय माल्या ने इस कंपनी का अधिग्रहण किया ताकी उनकी विमान कंपनी किंगफिशर को और ग्राहक मिल सके और वह मुनाफा कमा सके।तीन बड़े भारतीय बिजनेसमैन, जो विवादों के चलते हो गए बदनामकिराया बढ़ा तो ग्राहकों ने माल्या की किंगफिशर को बोल दिया बाय
किंगफिशर के ग्राहकों का किंगफिशर रेड की ओर जाना नहीं रुका तो फैसला किया गया कि किंगफिशर रेड के किराए में बढ़ोतरी कर दी जाए। किराया बढाने पर मामला और खराब हो गया। पैसेंजर्स देश में अन्य सस्ती विमान सेवाएं देने वाली इंडिगो और स्पाइसजेट की ओर चले गए और माल्या की बर्बादी शुरू हो गई। और 2012 में किंगफिशर बंद हो गई।सैलरी देने को मेरे पास पैसे नहीं: विजय माल्या

Posted By: Satyendra Kumar Singh