नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप ने नेपाली लड़कियों को इतना मजबूर कर दिया कि उनका फायदा अब मानव तस्‍कर उठाने लगे। जी हां IGI एयरपोर्ट पर ऐसे ही एक गैंग को पकड़ा गया है जो नेपाली लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर विदेश भेज रहा था।

अवैध तरीके से भेजा जा रहा विदेश
नेपाल में अप्रैल में आए विनाशकारी भूकंप से अधिकांश के घर तबाह हो गए। लोग बेरोजगार हो गए। इसका फायदा उठा रहे हैं मानव तस्कर। आइजीआइ एयरपोर्ट पर ऐसे तस्कर माड्यूल का खुलासा हुआ है, जो नौकरी का झांसा देकर नेपाली लड़कियों को अवैध रूप से विदेश भेज रहा था। एयरपोर्ट थाना पुलिस ने दो तस्कर और अवैध रूप से यात्र में मदद करने वाले एयर इंडिया के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। उनके चंगुल से 28 नेपाली लड़कियों को मुक्त कराया गया है। यह गिरोह चार महीने से मानव तस्करी में लिप्त था।
देह व्यापार में धकेला गया
विदेश में लड़कियों से छोटा-मोटा काम कराया जाता था। उन्हें देह व्यापार में भी धकेल दिया जाता था। गिरोह 200 से ज्यादा लड़कियों को अवैध तरीके से विदेश भेज चुका है। फरार तस्करों की पहचान कर ली गई है, उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। सीआइएसएफ की इंटेलिजेंस विंग ने 22 जुलाई को एयरपोर्ट पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर दुबई जाने की जुगत में लगी सात नेपाली लड़कियों को दबोचा था। जांच में पता चला कि उन्हें फर्जी तरीके से बोर्डिग कार्ड व अन्य दस्तावेज एयर इंडिया के दो कर्मियों मनीष गुप्ता और कपिल कुमार ने उपलब्ध कराए थे। दोनों को गिरफ्तार किया गया। तफ्तीश में पता चला कि मानव तस्कर गिरोह इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहा है।

सभी लड़कियां हैं काफी गरीब

गिरोह के सदस्य नेपाल की गरीब घर की युवतियों व महिलाओं को विदेश में ऊंची तनख्वाह का सब्जबाग दिखाकर अवैध तरीके से विदेश भेजते हैं। विदेश भेजे जाने वाली सभी नेपाली लड़कियां गरीब घर से हैं। वह नेपाल में छोटा-मोटा काम करती थी। भूकंप के बाद ज्यादातर के घर व व्यवसाय बर्बाद हो गए। परिवार चलाने के लिए लड़कियां विदेश जाने को विवश हो गईं।पुलिस उपायुक्त एमआई हैदर ने बताया कि गिरोह के बारे में पता चलने पर स्थानीय पुलिस, आइबी, स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच ने संयुक्त रूप से मामले की जांच शुरू की। एसीपी राजकुमार सहित आइजीआइ थाना एसएचओ गगन भाष्कर और इंस्पेक्टर धमेंद्र की टीम ने छापेमारी कर मानव तस्कर एजेंट विष्णु तामंग और नेउपानी ईशवोर को गिरफ्तार किया। दोनों नेपाल के सिंधुपाउलचोक जिले के रहने वाले हैं। उनकी निशानदेही पर और 21 नेपाली युवतियों व महिलाओं को मुक्त कराया गया।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari