BHU में तीन दिवसीय एयरोमॉडलिंग वर्कशॉप का इनॉगरेशन

बड़ी संख्या में बच्चे हो रहे हैं शामिल और जान रहे हैं कैसे उड़ता है विमान

VARANASI : हवा में उड़ना किसे अच्छा नहीं लगता। बच्चों के लिए तो यह किसी सपने के सच होने जैसा है। साइंस की बदौलत यह संभव भी है। हवा में आसमान की ऊंचाइयां छूते एरोप्लेन्स मानव की इस इच्छा को पूरा कर रहे हैं। मगर अब सवाल यह है कि आखिर ये उड़ता कैसे है? क्या टेक्नोलॉजी है इसकी? इसकी बनावट इस तरह की क्यों है? एक नहीं इस तरह के तमाम सवाल हर बच्चे के मन में उठना स्वाभाविक है। ऐसे ही सवालों का जवाब शुक्रवार को बीएचयू के एंफीथियेटर ग्राउंड में बच्चों ने जानने का प्रयास किया। मौका था तीन दिवसीय एयरोमॉडलिंग वर्कशॉप के शुरुआत की। वर्कशॉप में दर्जनों स्कूलों के सैकड़ों स्टूडेंट्स शामिल हुए और आसमान में उड़ते विमानों को देख कर खुद में ऊंचाइयों को छूने का जज्बा भरा।

बच्चों ने बनाया और उड़ाया भी

बच्चों को एरोप्लेन के नमूने के उड़ाकर दिखाया गया व उसके कलपूर्जो की जानकारी दी गयी। बच्चों को वर्कशॉप में एरोप्लेन की टेक्नोलॉजी के बारे में भी बताया गया। एक्सप‌र्ट्स ने विमान के नमूनों को रिमोट के सहयोग से आसमानी कलाबाजी कराई और बच्चों के मन में कौतूहल पैदा किया। इससे प्रेरित होकर स्टूडेंट्स ने भी नमूना विमान को हाथ में लिया और उड़ाने के गुर सीखे। इसके साथ ही बच्चों को विमान का मॉडल बनाना भी सिखाया गया।

पैदा करें ऊंचाइयों की ललक

एयरोमॉडलिंग क्लब वाराणसी की ओर से आयोजित इस वर्कशॉप का इनॉगरेशन भारतीय वायु सेना में गु्रप कैप्टन एके मिश्र व रामकृष्ण मिशन के डॉ। स्वामी वरिष्ठानंद जी महाराज ने किया। गेस्ट्स ने बच्चों के हौसलों की तारीफ की और पेरेंट्स से उनमें ऊंचाइयों की ललक पैदा करने को कहा। उन्होंने कहा कि अभी इन विद्यार्थियों की ललक को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। यही बच्चे कल के पॉयलट हो सकते हैं।

Posted By: Inextlive