RANCHI : 'हर दुख-सुख में मेरे साथ है बेटी, घर में खुशियों की सौगात है मेरी बेटी.' बेटी से बड़ी संपत्ति हमारे लिए कुछ भी नहीं है। बेटी हमारे लिए अनमोल वरदान है। यह कहना है अजीत कुमार सिन्हा और उनकी पत्नी अर्पणा लाल सिन्हा का। अजीत रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में कंसल्टेंट हैं तो अर्पणा इंग्लिश की शिक्षिका। वे कहते हैं-शादी के बाद ही हमने तय कर लिया था कि हम एक ही बच्चे रखेंगे। हम खुशकिस्मत हैं कि हमारी एक बेटी है। बेटी को हम जितना प्यार करते हैं, उससे कहीं ज्यादा वह अपने बर्ताव से हमें खुश होने का मौका दे रही है।

सबकी दुलारी है ऐश्वर्या

अर्पणा और अजीत कहते हैं- बेटी ऐश्वर्या पूरे घर की राजदुलारी है। घर वालों की वह प्यारी बिटिया है। हमारी कोशिश उसे ऐसा परवरिश व तालीम देने की रही है ताकि, वह करियर के साथ-साथ अपने बिहेवियर से हर किसी की अजीज बन जाए। वे बताते हैं-हमारे घर में शुरु से ही बेटियों को ज्यादा तवज्जो मिलती रही है। बेटियां भी अपने काम व बर्ताव से घर-परिवार का मान सम्मान बढ़ा रही हैं। आज अगर कोई बेटा-बेटी में फर्क करता है तो यह उसकी बहुत बड़ी भूल है। बेटी आज हर मोर्चे पर कामयाबी के शिखर को छू रही हैं।

हासिल किए हैं कई अचीवमेंट्स

ऐश्वर्या शुरु से ही पढ़ाई में अव्वल रही हैं। 2014 में उसने जेवीएएम श्यामली से दसवीं बोर्ड की परीक्षा टेन सीजीपीए के साथ पास की थी। यहीं से उसने 12 वीं की परीक्षा में 90 परसेंट मा‌र्क्स हासिल किए थे। पढ़ाई के साथ-साथ एक्स्ट्रा क्यूरिकुलर एक्टिविटीज में वह बढ़-चढ़कर पार्टिसिपेट करती रही हैं। स्कूल-कॉलेज के प्रोग्राम्स में एंकरिंग की जिम्मेवारी वह पूरी सफलता के साथ निभा चुकी हैं। इतना ही नहीं, मास मीडिया के प्रति भी उसका गहरा लगाव है। इसकी वह ट्रेनिंग भी ले चुकी हैं। आकाशवाणी रांची केंद्र से बच्चों के लिए प्रसारित होने वाले कार्यक्रम की भी वह एंकरिंग कर चुकी हैं। फिलहाल वह बेंगलुरु से कंप्यूटर इंजीनियरिंग कर रही है। ऐश्वर्या को कम उम्र में ही आकाशवाणी रांची केंद्र से प्रसारित होने वाले बच्चों के लिए कार्यक्रम में भी एंकरिंग का मौका मिला। फिलहाल ऐश्वर्या बंगलुरू में कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर रही है।

हमें फक्र है कि हमारी बेटी है

हमें फक्र है कि हमारी बेटी है। अर्पणा और अजीत कहते हैं- घर-परिवार के लिए बेटी जितना कुछ कर सकती है, उतना दूसरे से अपेक्षा नहीं की जा सकती। चाहे सुख की बेला हो या दुख की घड़ी, बेटी हर मौके पर साथ खड़ी होती है। अगर बेटी पर आपने भरोसा किया है तो वह कभी डगमगा नहीं सकता है। बेटी तो घर-परिवार की शान है। मान-मर्यादा है। हमें अपनी बेटी पर नाज है।

हर मुकाम पर बेटियां अव्वल

बेटियां आज हर मोर्चे पर अपना टैलेंट दिखा रही हैं। बेटियों में दम है, जिसका लोहा पूरा दुनिया मान रही है। बस जरूरत है कि बेटियों को आगे बढ़ना का पूरा मौका दें। अर्पणा कहती हैं- बेटियां मल्टी टास्किंग होती हैं। परिवार से इनका भावनात्मक लगाव भी कहीं ज्यादा होता है। ये हर चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होती हैं। चाहे पढ़ाई का क्षेत्र हो ता साइंस का अथवा कोई और। बेटियां तो आज हर मोर्चे पर कामयाबी का परचम लहरा रही है।

Posted By: Inextlive