पुलिस ने एक हजार मोबाइल नंबर को लिया था सर्विलांस पर

अब सिर्फ 100 नंबरों की होगी मॉनिटरिंग, जुटाया जा रहा डिटेल

ALLAHABAD: रामबाग वैसे भी व्यस्ततम चौराहों में से एक है। शाम के समय यहां भारी भीड़ रहती है। जीवन ज्योति हॉस्पिटल के निदेशक डॉ। एके बंसल की हत्या भी शाम के वक्त ही हुई थी। हत्या के 24 दिन बीतने के बाद भी हत्यारों से जुड़ा एक सुराग पाने को मोहताज पुलिस को अब मोबाइल टॉवर रिकॉर्ड का सहारा है। संदेह के आधार पर एक हजार नंबर्स को ट्रैकिंग पर डाला गया था। एक पूरी टीम एक पखवारे से अधिक समय खपाने के बाद अब 100 नंबर्स पर केन्द्रित हो गई है। इनका डिटेल जुटाया जा रहा है। नौ सौ से अधिक नंबर्स को क्लीनचिट दी जा चुकी है। एक टीम इस काम में लगी है तो दो अन्य टीमों में एक बनारस और दूसरी प्रतापगढ़ के शूटर्स पर कंसंट्रेट कर रही है। उनका डाटा जुटाया जा रहा है जो सुपारी किलर के तौर पर यूज होते हैं। उधर, एजजीपीजीआई से राजा पांडेय के गायब होने की सूचना ने भी पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है।

सर्विलांस का ही सहारा

डॉ। बंसल हत्याकांड की जांच कर रही एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और लोकल पुलिस ने हर एंगल को तलाश लिया। हॉस्पिटल के स्टॉफ से लेकर लखनऊ की यूनिवर्सिटी पर दावेदारी, अपराधियों के साथ पंगा और जमीन की खरीद-फरोख्त। अस्पताल में हुई मारपीट और घायल अपराधी को धक्के देकर निकलवा देने तक में घटना का कारण तलाश किया जा चुका है। लेकिन, कड़वा सच यही है कि अभी तक इस पर पुलिस एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी है। कारण की तलाश अंधे कुएं से निकलने जैसा है और तरकश के सारे तीर आजमा लिए गए हैं। इससे इतना तो यह है कि या तो यह बड़े और शातिर लोगों का काम है या फिर किसी ऐसे का जो आया और काम निबटाकर चला गया। अब पुलिस के पास एक मात्र सहारा सर्विलांस बचा है। पुलिस को उम्मीद है कि किलर कांट्रैक्ट पर बुलाए गए थे जो उनका मोबाइल पर कोई न कोई कम्युनिकेशन जरूर हुआ होगा। इस चक्कर में पुलिस ने एक हजार मोबाइल नंबर्स को ट्रैकिंग पर डाला था। इसमें से नौ सौ को क्लीन चिट दी जा चुकी है। अब सौ पर काम चल रहा है।

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खटक रहा 'राजा' का गायब होना

डॉ। बंसल हत्याकांड में यमुना पार के शातिर क्रिमिनल राजा पांडेय भी सस्पेक्टेड है। पूर्व में बारा एसओ की सरेआम हत्या के इस आरोपी को गोली लगने पर जीवन ज्योति हॉस्पिटल लाया गया था। उससे अस्पताल के खर्चे को लेकर विवाद हुआ तो डॉ। बंसल ने अपने यहां से निकाल दिया था। इसके बाद वह एसआरएन में भर्ती कराया गया और फिर एसजीपीजीआई ले जाया गया। हालांकि पुलिस उससे पूछताछ कर चुकी है लेकिन उस पर शक कायम है। एक दिन पहले वह एसजीपीजीआई से निकल गया और इसकी किसी को भनक भी नहीं लगी। इससे पुलिस के कान खड़े हो गए हैं।

डॉ। बंसल मर्डर केस में टॉप मोस्ट सौ संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही है। उनकी हर गतिविधि को वाच किया जा रहा है। उम्मीद है कि कातिल का कोई न कोई सुराग जल्द मिल जाएगा।

-शलभ माथुर,

एसएसपी

Posted By: Inextlive