-स्थाई निर्माण को लेकर सीएम ने किया हस्तक्षेप तो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में संत-महात्माओं ने वापसी का लिया निर्णय

ALLAHABAD: सोलह मार्च को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने बैठक करके अखाड़ों में स्थाई निर्माण को लेकर हो रही देरी के बाद आगामी कुंभ में शाही स्नान के बहिष्कार का निर्णय लिया गया था। दो महीने के बाद अखाड़ा परिषद ने अपना वह निर्णय वापस लेने का फैसला किया है। मठ बाघम्बरी गद्दी में शुक्रवार को हुई अखाड़ा परिषद की बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से अखाड़ों में स्थाई निर्माण शुरू कराने के लिए किए गए हस्तक्षेप के बाद संत-महात्माओं ने प्रस्ताव पारित कर शाही स्नान के बहिष्कार का निर्णय वापस ले लिया। इसे बैठक में उपस्थित सभी अखाड़ों के श्रीमहंतों ने सर्वसम्मति से पारित किया।

यह प्रस्ताव हुए पारित

-परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने अखाड़ों को अवगत कराया कि जिन अखाड़ों में जितने महामंडलेश्वर व श्री महंत हैं उनकी सूची अखाड़ा परिषद को सौंपी जाए। ताकि उनकी सूची प्रशासन को सौंपी जा सके। इस प्रस्ताव का समर्थन श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़े के श्रीमहंत त्रिवेणी दास ने किया जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।

-श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के श्री महंत प्रेम गिरि ने प्रस्ताव रखा कि जिन अखाड़ों ने अभी जमीन खरीदी है वह अपने कागज अखाड़ा परिषद को सौंप दें। क्योंकि उनका कार्य भी प्रशासन द्वारा कराया जाएगा। प्रस्ताव का समर्थन बड़ा उदासीन अखाड़े के कोठारी शिवानंद ने किया और आनंद अखाड़ा के श्री महंत जगदीश गिरि ने उसका अनुमोदन किया।

-श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के महामंत्री सत्यगिरि ने प्रस्ताव रखा कि भौमानंद पीठ काशी व हरिद्वार के पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद का अखाड़ा परिषद द्वारा बहिष्कार किया गया है। क्योंकि वे परिषद के साथ अध्यक्ष व महामंत्री का लगातार अपमान करता रहता है। इसलिए अखाड़े से जुड़े संत-महात्मा उनका साथ देते हैं तो उनका भी बहिष्कार किया जाएगा। प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।

-श्री पंच दिगम्बर अनी अखाड़े के श्री महंत कृष्ण दास ने प्रस्ताव रखा कि जो बहिष्कृत साधु परिषद के अध्यक्ष व महामंत्री का अपमान करेगा और गलत बयानबाजी करता है तो उसके खिलाफ अखाड़ा परिषद जो कार्रवाई करेगा उसमें सभी अखाड़े एक साथ खड़े होंगे। इस प्रस्ताव का अनुमोदन श्री पंचायती महा निर्वाणी के सचिव श्री महंत रामसेवक गिरि ने किया। जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।

निगरानी समिति में देरी पर बढ़ा आक्रोश

अखाड़ा परिषद की बैठक के दौरान संत-महात्माओं ने इस बात को लेकर नाराजगी दिखाई कि दो महीने पहले इलाहाबाद में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुंभ के कार्यो के लिए संत-महात्माओं की एक निगरानी समिति बनाने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक उसका गठन नहीं किया गया। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने आश्वासन दिया कि शनिवार को मठ में आने पर सीएम के सामने कमेटी के गठन की मांग रखी जाएगी।

अखाड़ों की जमीन पर स्थाई निर्माण के लिए सीएम ने हमारी मांगों को पूरा किया है। अखाड़ों में निर्माण कार्य शुरू भी करा दिया गया है। इसलिए बैठक के दौरान शाही स्नान के बहिष्कार को वापस लेने का प्रस्ताव रखा गया जिसे सभी संत-महात्माओं ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।

-महंत नरेन्द्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

Posted By: Inextlive