Akshay Tritiya 2020 : वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया का पर्व होता है। इस वर्ष यह रविवार 26 अप्रैल को है आइए जानें पूजा शुभ मुहूर्त व समय क्या है।

Akshay Tritiya 2020 : वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया की संज्ञा दी गई है।यह पर्व पूर्वाह्न व्यापिनी में मनाया जाता है अथार्त 3 मुहूर्त से 6 मुहर्त के मध्य।इस बार दिनांक 26 अप्रैल 2020, रविवार को तृतीया तिथि सूर्योदय से मध्याह्न 1:23 बजे दोपहर तक रहेगी। रोहिणी नक्षत्र रात्रि 10:56 बजे तक रहेगा।इस बार की विशेष बात यह है कि इस दिन वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत भी है।मान्यता है कि इस दिन किया गया कोई भी धार्मिक कार्य अक्षय होता है, उसका फल कभी भी समाप्त नहीं होता।भविष्य पुराण के अनुसार इस तिथि से युगादि तिथियों का प्रारंभ हुआ था, इसलिए इसका धार्मिक महत्व है।ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अविर्भाव भी इसी दिन हुआ था। मुहूर्त ज्योतिष में इस दिन को अबूझ मुहूर्त के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस दिन तिल सहित कुशों से पितरों का जलदान करने से पित्तीश्वरों की अनंत काल तक तृप्ति होती है।इस दिन मूंग एवं चावल की खिचड़ी बिना नमक डाले बनाई जाती है।

ज्योतिष की दृष्टि में महत्व

इस वर्ष 26 अप्रैल 2020, रविवार को मध्यान्ह 1:23 बजे तक तृतीया तिथि है।इस दिन रोहिणी नक्षत्र रात्रि 10:56 बजे तक रहेगा। वृष राशि का चन्द्र होगा।

खाता पूजन प्रथम मुहर्त

अभिजित मुहूर्त,पूर्वाह्न 11:49 से अपराह्न 12:42 बजे तक रहेगा। इस दिन प्रातः कालीन स्थिर लग्न वृष 6:28 से 8:22 बजे तक,इस समय चंद्रमा उच्च का होगा एवं लग्नेश शुक्र लग्न में ही स्थित रहेगा।तृतीयेश और पंचमेश बुध व्यय भाव में सूर्य के साथ व्ययेश मंगल- शनि-गुरु के साथ नवम भाव में अष्टमेश व लाभेश गुरु दशम भाव में वृष लग्न में सूर्य बुध केतु को छोड़कर सभी ग्रहों की स्तिथियां अनुकूल रहेंगी।

दूसरा मुहूर्त

द्वस्वाभाविक मिथुन लग्न मुहुर्त प्रातः काल 8:21से 10:21 बजे तक रहेगा।इस लग्न में प्रातः काल 9:02 बजे से 10:38 बजे तक लाभ का चौघड़िया मुहूर्त रहेगा।इस मिथुन लग्न में गुरु का दानोपाय करके खाता बसना पूजन करना लाभप्रद रहेगा।

तृतीय खाता पूजन मुहूर्त

इस मुहूर्त में स्थिर लग्न सिंह अपराह्न 1:02 बजे से अपराह्न 2:14 बजे तक रहेगी।इस मुहूर्त में अपराह्न 1:31 बजे से 3:00 बजे तक शुभ का चौघड़िया मुहूर्त रहेगा।इस लग्न की विशेष बात सभी ग्रहों की स्तिथि अनुकूल है।इस स्थिर लग्न मुहूर्त में खाता पूजन अति लाभदायक रहेगा।इस मुहुर्त में लक्ष्मी- गणेश का पूजन करना पूर्ण लाभदायक सिद्ध होगा।

चतुर्थ चौघड़िया मुहूर्त

चर- लाभ- अमृत की संयुक्त बेला मुहूर्त- प्रातः काल 7:30 बजे से अपराह्न 12:00 बजे तक।

- ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा

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Posted By: Vandana Sharma