ज्यादातर लोगों ने की बस केवल रस्म अदायगी

ऑटोमोबाइल व रियल स्टेट सेक्टर में भी रहा सन्नाटा

ALLAHABAD: अक्षय तृतीया पर लोगों ने अक्षय पुण्य की कामना के साथ भगवान की आराधना की। संगम में डुबकी लगाई। सोने-चांदी के आभूषणों की खरीददारी भी की, लेकिन ग्रह-नक्षत्रों का शुभ संयोग न होने और सोने-चांदी का भाव आसमान पर होने के कारण इस बार सर्राफा बाजार में धन वर्षा नहीं हुई। वर्षो बाद ऐसी स्थिति आई कि अक्षय तृतीया पर घरों में शहनाई नहीं बजी। हड़ताल से टूट चुके सर्राफा कारोबारियों की लाख कोशिशों व ऑफर्स के बाद भी सर्राफा मार्केट जोर नहीं पकड़ सका। अक्षय तृतीया पर इस साल सर्राफा कारोबार 10 से 15 करोड़ तक ही सीमित रहा।

पिछले साल लगा था पचासा

पिछले वर्ष किसानों की फसल बर्बाद होने के बाद भी सर्राफा कारोबार ने अक्षय तृतीया पर जबर्दस्त छलांग लगाई थी और 50 करोड़ से अधिक के ज्वैलरी व गोल्ड-सिल्वर आइटम की खरीददारी हुई थी। इस बार यह आंकड़ा 20 करोड़ तक भी नहीं पहुंच सका। सोने का भाव अक्षय तृतीया के दिन भी उछाल पर ही रहा। सोमवार को मार्केट में सोने का भाव 30 हजार 990 रुपये प्रति दस ग्राम था। जबकि चांदी का रेट 44 हजार 825 रुपये प्रति किलोग्राम रहा। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार सोने के भाव में करीब चार हजार रुपया प्रति दस ग्राम, वहीं चांदी के भाव में सात हजार रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

अक्षय तृतीया पर मार्केट व रेट (2016म्)

सोना- 30,690 रुपया प्रति दस ग्राम

चांदी- 44,825 रुपया प्रति किलोग्राम

कुल कारोबार- 10 से 15 करोड़

अक्षय तृतीया पर मार्केट व रेट (2015)

सोना- 27,100 रुपये प्रति दस ग्राम

चांदी- 37 हजार रुपये प्रति किलोग्राम

पिछले वर्ष कारोबार-50 करोड़ के पार

मार्केट न उठने के मुख्य कारण

42 दिनों तक स्ट्राइक से सर्राफा कारोबारियों में नहीं रहा कोई उत्साह

इस बार अक्षय तृतीया पर काफी तेज रहा सोना व चांदी का भाव

इस साल मई व जून में सहालग की तिथि न होने से लोगों ने नहीं की ज्वैलरी की खरीददारी

फसलें बर्बाद होने का भी रहा मार्केट पर असर

संगम में खूब लगी पुण्य की डुबकी

अक्षय तृतीया पर अक्षय पुण्य की कामना के साथ हजारों लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। ग्वालियर, उन्नाव, कानपुर, दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार के साथ ही देश के कोने-कोने से लोग इलाहाबाद पहुंचे। संगम किनारे स्नानार्थियों की काफी भीड़ रही, भीषण गर्मी में दूर-दूर तक रेत ही रेत दिखने व संगम काफी दूर चले जाने के कारण स्नानार्थियों को काफी दिक्कत हुई। तपती रेत में पैदल यात्रा करनी पड़ी। कष्ट की परवाह किए बगैर अक्षय पुण्य की कामना के साथ लोग संगम किनारे पहुंचे और स्नान किया।

अक्षय तृतीया पर धन वर्षा न होने से सर्राफा कारोबारियों को कोई झटका नहीं लगा है। परिस्थितियों के अनुसार कुछ इसी तरह के कारोबार का अनुमान पहले से ही था। बड़ा कारण सोने का भाव और सहालग न होना है।

कुलदीप सोनी

अध्यक्ष, प्रयाग सर्राफा मंडल

Posted By: Inextlive