अक्षय फलदायी है मृगशिरा नक्षत्र में पड़ रही अक्षय तृतीया
- अक्षय तृतीया पर पूरे दिन रहेगा शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया पर पूरे दिन रहेगा शुभ मुहूर्त BAREILLY: BAREILLY: अक्षय तृतीया वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं उनका अक्षय फल मिलता है। ज्योतिषियों का कहना है कि वैसे तो सभी महीने में शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है। लेकिन वैशाख माह की तिथि 'स्वयंसिद्ध मुहूर्तो' में मानी गई है। इस दिन मांगलिक महत्व जैसे गृह प्रवेश, वाहन, वस्त्र और आभूषणों की खरीदारी काफी शुभ मानी गई है। अक्षय तृतीया के मृगशिरा नक्षत्र में पड़ने के कारण यह अत्यंत फलदायी है। शास्त्रों के मुताबिक अक्षय तृतीयाशास्त्रों में अक्षय तृतीया के दिन से ही सतयुग एवं त्रेता युग शुरू होना माना जाता है। द्वापर का अंत भी इसी तिथि में हुआ था। इसलिए अक्षय तृतीया को 'युगादि तिथि' के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय तृतीया का महत्व इसलिए भी है कि भगवान विष्णु के दस अवतारों में तीन अवतार इसी तिथि को हुए थे। इसलिए इस तिथि में किया गया हर कार्य शुभ होता है।
मृगशिरा नक्षत्र में पड़ने के कारण शुभशास्त्रों में कहा गया है कि अक्षय तृतीया अगर सोमवार के दिन मृगशिरा नक्षत्र में पड़े तो इसका महत्व बढ़ जाता है। यानी इस दिन किये गये कायरें के परिणाम कई गुना बढ़ जाते हैं। संयोगवश इस साल अक्षय तृतीया सोमवार के दिन मृगशिरा नक्षत्र में ही पड़ रहा है। इस पर सोने पर सुहागा यह है कि अक्षय तृतीया के साथ सभी कायरें में सफलता दिलाने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग ग्रहों की बाधाओं को दूर करने वाला रवि योग और अमृत योग भी बन रहा है। जो लोग वाहन खरीदना चाह रहे हैं अथवा नया कारोबार शुरू करना चाहते हैं उनके लिए यह योग उत्तम फलदायी है। गृह प्रवेश, भूमि पूजन, जमीन अथवा घर खरीदने वालों के लिए भी अक्षय तृतीया श्रेष्ठ है।
पूरे दिन शुभ लग्न अक्षय तृतीया को पूरे दिन शुभ मुहूर्त है। किसी भी समय स्नान करने के बाद नया वस्त्र धारण कर विधि विधान से पूजा की जा सकती है। अक्षय तृतीया पर पूजा की थाली का विशेष महत्व होता है। पंडितों की मानें तो पूजा की थाली में चंदन, तुलसी, रोरी, अक्षत, मीठा, फल, रक्षा और नया पीला व लाल वस्त्र रखकर लक्ष्मी नारायण की पूजा करनी चाहिए.जिससे व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होगी। अक्षय तृतीया को क्या करें - इस गंगा स्नान करना चाहिए।- सुबह पंखा, चावल, नमक, घी, शक्कर, साग, इमली, फल तथा वस्त्र का दान करना चाहिए।
- ब्राह्माणों को दक्षिणा देने के साथ भोजन कराना चाहिए। - इस दिन सत्तू अवश्य खाना चाहिए। - नए वस्त्र ज्वेलरी बनवाना या धारण करना चाहिए। - संस्थाएं, समाज आदि की स्थापना करना फलदायी होता है। राशियों पर अक्षय तृतीया का प्रभाव मेष - सुख वृद्धि वृष - ज्ञान वृद्धि मिथुन - आयु वृद्धि कर्क - सौंदर्य बढ़ना सिंह - मनोवृद्धि कन्या - धन वृद्धि तुला - व्यय वृश्चिक - मानसिक तनाव धनु - सामान्य मकर - उग्रता बढ़ेगी कुंभ - भ्रमण मीन - चिंता बढ़ेगी। । मृगशिरा नक्षत्र में अक्षय तृतीया के पड़ने से महत्व बढ़ गया है। पूरे विधि- विधान के साथ लक्ष्मी-नारायण की पूजा करनी चाहिए। विशेष लाभ मिलता है। ज्योतिषाचार्य डॉ। संजय सिंह