सात मई को पड़ रहे अक्षय तृतीया को लेकर अभी से ज्वेलरी मार्केट गुलजार हो गया है. ऐसे में यहां जानें सोना खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान...

-सराफा मार्केट में सोना खरीदने वालों की भीड़, अक्षय तृतीया को लेकर शुरू हो गई कस्टमर्स की बुकिंग

-गोल्ड क्वाइन और बिस्किट पर भी कस्टमर्स का फोकस

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VARANASI : कहा जाता है कि सोना कभी पुराना नहीं होता. चाहे वह ज्वेलरी में गढ़ा गया हो या फिर गोल्ड क्वाइन या फिर गोल्ड बिस्किट ही क्यों न हो, हमेशा की तरह चमकता और नयापन बरकरार रखता है. सात मई को पड़ रहे अक्षय तृतीया को लेकर अभी से ज्वेलरी मार्केट गुलजार हो गया है. इस बार गोल्ड की प्राइस कम होने के चलते लोगों का रुझान गोल्ड ज्वेलरी और गोल्ड क्वाइन की ओर अधिक है. अधिकतर ज्वेलरी शोरूम में पारंपरिक गोल्ड ज्वेलरी की धूम मची हुई है. शॉप ओनर भी मानते हैं कि गोल्ड कभी पुराना नहीं होता है, खासकर क्वाइन, बिस्किट का असर ऐसा होता है कि उससे न्यू ज्वेलरी जब चाहे तब कस्टमर्स बनवा सकता है.

ज्वेलरी लेते समय बरते सावधानियां
शुद्धता का रखें ख्याल
गोल्ड ज्वेलरी या क्वॉइन खरीदते वक्त सबसे पहले उसकी शुद्धता का पता लगाना चाहिए. 24 कैरट गोल्ड सबसे शुद्ध होता है, लेकिन इससे ज्वेलरी नहीं बनाई जा सकती. गोल्ड ज्वेलरी 22 या 18 कैरट के सोने से बनाई जाती है, यानी 22 कैरट गोल्ड के साथ 2 कैरट कोई और मेटल मिक्स किया जाता है. ज्वेलरी खरीदने से पहले हमेशा ज्वेलर्स से सोने की शुद्धता के बारे में जानकारी लें.

ट्रेडमार्क की करें जांच
गोल्ड ज्वेलरी में हमेशा ट्रेडमार्क होता है. ज्वेलरी खरीदने से पहले ट्रेडमार्क की पहचान कर लें. इससे आपको मैन्युफैक्चर की पहचान का पता चल सकता है.

जेम स्टोन की भी शुद्धता जांचें
अगर आप डायमंड, रूबी या किसी और जेम स्टोन (कीमती पत्थर) जडि़त सोने के गहने खरीद रहे हैं, तो उनकी शुद्धता भी जरूर जांच लें. जब आप इन स्टोन के लिए भी पूरे पैसे चुकाते हैं, तो गोल्ड के साथ जेम स्टोन की क्वालिटी का भी ध्यान रखना चाहिए.

समझे मिक्सिंग की बारीकियां
अगर आप व्हाइट गोल्ड की ज्वेलरी ले रहे हैं तो निकेल या प्लेटिनम मिक्स के बजाय पैलेडियम मिक्स ज्वेलरी लेना बेहतर होगा. निकेल या प्लेटिनम मिक्स व्हाइट गोल्ड से स्किन एलर्जी होने का खतरा रहता है.

प्योरिटी सर्टिफिकेट लेना न भूलें
गोल्ड ज्वेलरी खरीदते वक्त आप ऑथेंटिसिटी/प्योरिटी सर्टिफिकेट लेना न भूलें. सर्टिफिकेट में गोल्ड का कैरट भी चेक कर लें. इसके साथ ही गोल्ड ज्वेलरी में लगे जेम स्टोन के लिए भी एक अलग सर्टिफिकेट लेना जरूरी है.

ऐसे पहचानें हॉलमार्क
|जो ज्वेलरी हॉलमार्क होगी, उस पर ये पांच तरह के निशान जरूर होंगे.

1. बीआईएस का लोगो

2. सोने की शुद्धता बताने वाला नंबर. सोने की शुद्धता अंकों में लिखी होती है. सभी कैरट की हॉलमार्किग अलग होती है. वैसे, 22 कैरेट की ज्वेलरी सबसे अच्छी मानी जाती है. इसमें 92 परसेंट गोल्ड होता है.

3. जांच-पड़ताल व हॉलमार्किग करने वाली एजेंसी का लोगो

4. ज्वेलर का लोगो

5. हॉलमार्किंग किए जाने का साल, हॉलमार्किग होने का साल अंग्रेजी अल्फाबेट के आधार पर होता है.

बिल लेना न भूलें
|हॉलमार्क ज्वेलरी का भी बिल जरूर लें. बिल में कीमत, वजन के अलावा गोल्ड की शुद्धता भी लिखी होनी चाहिए. ज्वेलर्स के साथ कोई विवाद होने की स्थिति में यह बिल काम आता है.

सोना कभी पुराना नहीं होता है. गोल्ड क्वाइन और बिस्किट लेने वाले कभी भी न्यू ज्वेलरी बनवा सकते हैं. गोल्ड क्वाइन और बिस्किट लेने वाले कस्टमर्स भी शोरूम में उमड़ रहे हैं. वेडिंग सीजन होने के चलते खूब इंक्वायरी भी हो रही है. गोल्ड की प्राइस कम होने से खरीदारी के आसार अबकी बार अधिक है.

मयंक अग्रवाल, अधिष्ठाता

कन्हैया स्वर्ण कला केंद्र, गौदोलिया

Posted By: Vivek Srivastava