अक्षय तृतीया 07 मई को है इस दिन सभी मांगलिक कार्य कर सकते हैं वहीं पवित्र रमजान मा​ह का पहला रोजा भी 07 तारीख से शुरु हो रहा है।

7 मई: अक्षय तृतीया। भगवान परशुराम जयंती। मातंगी जयंती। रोजा शुरू।

8 मई: वैनायकी गणेश चतुर्थी व्रत।

9 मई: आद्य शंकराचार्य जयंती। श्री सूरदास जयंती।

10 मई: रामानुजाचार्य जयंती।

11 मई: गंगा सप्तमी।

12 मई: दुर्गाष्टमी व्रत।

13 मई: सीता नवमी।

निर्झरिणी

सुंदरता तब ही अच्छी लगती है, जब मन के भाव भी पवित्र हों। आपके मन के भाव ही चेहरे पर झलकते हैं। - रामानुजाचार्य

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यथार्थ गीता

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोपराणि।

तथा शरीराणि विहाय जीर्णा-न्यन्यानि संयाति नवानि देही।।

जैसे मनुष्य जीर्ण-शीर्ण पुराने वस्त्रों को त्यागकर नए वस्त्रों को ग्रहण करता है, ठीक वैसे ही यह जीवात्मा पुराने शरीरों को त्यागकर दूसरे नए शरीरों को धारण करता है। जीर्ण होने पर ही नया शरीर धारण करना है, तो शिशु क्यों मर जाते हैं? यह वस्त्र तो और विकसित होना चाहिए। वस्तुत: यह शरीर संस्कारों पर आधारित है। जब संस्कार जीर्ण होते हैं, तो शरीर छूट जाता है। यदि संस्कार दो दिन का है, तो दूसरे दिन ही शरीर जीर्ण हो गया। इसके बाद मनुष्य एक श्वास भी अधिक नहीं जीता। संस्कार ही शरीर है। आत्मा संस्कारों के अनुसार नया शरीर धारण कर लेता है।

Posted By: Kartikeya Tiwari