अगर टिहरी बांध टूटा तो..
आपदा को लेकर परखेंगे अपनी तैयारियां
- 22 सितंबर को होगा टिहरी डैम को लेकर मॉक ड्रिल - एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें रहेंगी तैनात - 45 हजार लोगों की सुरक्षा के लिए डेवलप किया गया अलार्मिग सिस्टम DEHRADUN: दुर्भाग्य से अगर टिहरी डैम कभी टूट गया तो फ्लड अलार्मिग सिस्टम लोगों को अलर्ट कर देगा। दरअसल आपदा प्रबंधन विभाग ने ऐसी स्थिति को लेकर यह अलार्मिग सिस्टम डेवलप किया है। ख्ख् सितंबर को ऋषिकेश में मॉक ड्रिल के जरिए इस सिस्टम का प्रायोगिक परीक्षण किया जाएगा। फ्लड अलार्मिग सिस्टम का डेमो इस दौरान दिया जाएगा और तीन जिलों का प्रशासन ठीक उसी तर्ज पर काम करता दिखाई देगा जैसे बाढ़ की स्थिति में होता है। जगह-जगह लगे हैं उपकरणख्0क्फ् की केदारनाथ आपदा के बाद उत्तराखंड का आपदा प्रबंधन विभाग अपनी कमजोरियों को चिन्हित कर रहा है। साथ ही मॉक ड्रिल करके आपदा से निबटने के इंतजामों की परीक्षा भी ले रहा है। कुछ समय पहले देहरादून में ऐसा ही मॉक ड्रिल किया जा चुका है। अब ऋषिकेश में इसकी तैयारी है। आपदा परिचालन केंद्र के प्रभारी संतोष बडोनी के अनुसार, ठोस आपदा प्रबंधन इंतजामों के क्रम में मॉक ड्रिल प्रोग्रामों को बढ़ाया जा रहा है। फ्लड अलार्म सिस्टम के तहत जगह जगह उपकरण लगाए गए हैं। मॉक ड्रिल के दौरान उन्हें सभी के सामने लाया जाएगा।
मॉक ड्रिल में क्या होगा खास -टिहरी डैम से बाढ़ की स्थिति में कुल ब्भ् हजार लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं। ये जानते हुए इंतजाम किए जाएंगे। टीएचडीसी इस पूरी मॉक ड्रिल को प्रायोजित कर रही है। इसमें तीनों जिलों के प्रशासन के अलावा, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें भी सक्रिय रहेंगी। सोशल आब्जर्वर बतौर ऋषिकेश नगर पालिका और मुनि की रेती नगर पंचायत के अध्यक्षों को भी बुलाया गया है। उनके साथ स्थानीय लोग भी मौजूद रहेंगे। ऋषिकेश में चंद्रभागा क्षेत्र में ये कार्यक्रम रखा गया है।