ऐसे तो हजरतगंज से भी महंगा हो जाएगा सिविल लाइंस
आप की बात की लोगो
2.50 रुपये प्रति स्क्वायर फीट है लखनऊ के हजरतगंज का वर्तमान में लागू मासिक किराया दर 2.50 रुपये से 4.00 रुपये प्रस्तावित किया गया है नए प्रस्तावित मासिक किराए दर में इसे बढ़ाते हुए 3.50 रुपये मासिक किराया दर है सिविल लाइंस का वर्ष 2011 में लागू दर के अनुसार 14.09 रुपये प्रस्तावित है नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा इस बार सिविल लाइंस का मासिक किराया दर --------- नंबर गेम 66 करोड़ रुपए एनुअल हाउस टैक्स कलेक्शन का है टारगेट। 2.14 लाख भवन हैं शहर में, जो नगर निगम के रिकार्ड में हैं दर्ज। 06 हजार भवन हैं कम्प्लीट कॉमर्शियल 18 हजार भवन हैं सेमी कॉमर्शियल। 100 करोड़ रुपए हाउस टैक्स के रूप में हो सकती है वसूली अगर सभी भवनों से सही तरीके से टैक्स लिया जाए।25 प्रतिशत टैक्स में हो बढ़ोत्तरी तो 125 करोड़ रुपए हाउस टैक्स की हो सकती है वसूली।
---------- -हाउस टैक्स पर मुख्य कर निर्धारण अधिकारी के तर्को से संतुष्ट नहीं हैं पार्षद -पांच गुना टैक्स का विरोध कर रहे पार्षदों ने रखी अपनी बात prayagraj@inext,co.inPRAYAGRAJ: डीएम सर्किल रेट में 2011 से लेकर अब तक अधिकतम 28 से 50 फीसदी तक वृद्धि हुई है। ऐसे में नगर निगम द्वारा मासिक किराए दर में चार से पांच गुना हाउस टैक्स की बढ़ोत्तरी किस आधार पर प्रस्तावित है। प्रचलित किराएदारी दर की बात करें तो सभी मकानों में किराएदार नहीं रहते हैं। फिर किराएदारी दर सभी आवासीय भवनों पर कैसे लागू की जा सकती है? नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन के प्रस्तावित हाउस टैक्स के मासिक किराया दर का विरोध कर रहे पार्षदों ने कुछ इसी तरह के तर्को के साथ अपनी बात रखी।
शासनादेश का तो ख्याल रखते पार्षद आनंद घिल्डियाल ने कहा कि प्राइस इंडेक्स से महंगाई भत्ता मिलता है। 3 से 6 प्रतिशत से अधिक सालाना भत्ता नहीं बढ़ता है। 28 अप्रैल 1997 का शासनादेश है कि 25 प्रतिशत से अधिक हाउस टैक्स नहीं बढ़ाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली नगर निगम का मामला पहुंचा था। इस पर जस्टिस आरएस धवन का कमेंट था कि नो टैक्सेशन विदाउट रिप्रेजेंटेशन। नगर निगम द्वारा बगैर किसी टीम के मासिक किराया दर प्रस्तावित किया गया है। अब नहीं है पहले जैसी बातपूर्व पार्षद शिवसेवक सिंह ने कहा कि फाइनेंशियल और पॉपुलेशन के आधार पर गवर्नमेंट द्वारा शहरों की ग्रेडिंग की गई है। इसके अनुसार प्रयागराज बी ग्रेड में आता है। लेकिन यहां हाउस टैक्स ए ग्रेड वाले शहर कानपुर, लखनऊ और वाराणसी से भी कई गुना अधिक मासिक किराया दर प्रस्तावित किया गया है। अलोपीबाग के पार्षद कमलेश सिंह ने कहा कि प्रयागराज में अब पहले जैसी स्थिति नहीं रह गई है। कई औद्योगिक धंधे बंद हो चुके हैं। कुंभ के दौरान हजारों लोग बेघर हुए हैं। लखनऊ में एचआरए 30 प्रतिशत है, वहीं प्रयागराज में 20 प्रतिशत एचआरए है। इसके बाद भी यहां मासिक किराया दर कई गुना ज्यादा बढ़ाना पूरी तरह से अनुचित है।
वर्जन नगर निगम को अगर अपना घाटा ही पूरा करना है तो इसके लिए और भी रास्ते हैं। नगर निगम अगर सही ढंग से एक्सरसाइज करे तो थोड़े से प्रयास से दोगुनी टैक्स वसूली हो सकती है। -अशोक सिंह पार्षद, सिविल लाइंस कर निर्धारण के लिए नगर निगम द्वारा इंडेक्स बुक तैयार की गई है। इसमें लिखा है कि डीएम सर्किल रेट गुणे .02 प्रतिशत का गुणनफल ही मासिक किराया दर होगा। लेकिन मुख्य कर निर्धारण अधिकारी द्वारा .052 से गुणा किया जा रहा है। इसलिए प्रस्तावित किराया दर काफी बढ़ गया है। -आनंद घिल्डियालकेंद्र सरकार और इस देश का संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आजीविका चलाने का अधिकार देता है। अगर कोई व्यक्ति घर में खुद ही कोई दुकान संचालित करता है तो उस पर कॉमर्शियल टैक्स नहीं लगना चाहिए।
-वीके साहू रिटायर्ड एकाउंट ऑफिसर एजी ऑफिस 14 जून 2019 को नगर निगम द्वारा जारी पत्र में आवासीय भवनों और भूखंडों के लिए मासिक किराएदारी दर प्रस्तावित किया गया है तो फिर कॉमर्शियल टैक्स के आधार पर प्रचलित किराएदारी दर क्यों लगाया जा रहा है। अजय यादव पार्षद 24 मीटर रोड पर कच्चे और पक्के मकान दोनों हैं। कई मलिन बस्तियां भी हैं। सभी पर एक समान रूप से हाउस टैक्स प्रस्तावित किया गया है, क्या ये उचित है? -कमलेश सिंह पार्षद, अलोपीबाग