खतौली में उत्कल एक्सप्रेस हादसे के बाद मेरठ में अलर्ट
-उत्कल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के बाद जिला प्रशासन ने आपात स्थिति की घोषित
-मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी कराई गई खाली
-प्रशासनिक और पुलिस की टीमें घटनास्थल पर पहुंची
एडीजी के साथ टीम रवाना
गौरतलब है कि 21 अगस्त को सहारनपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रस्तावित दौरे के मद्देनजर जोन में पहले से अलर्ट था। सभी अफसर स्टेशन पर ही थे, एकाएक शनिवार शाम तकरीबन 6 बजे मुजफ्फरनगर में हुए ट्रेन हादसे की जानकारी के बाद आनन - फानन में एडीजी जोन प्रशांत कुमार ने अलर्ट घोषित कर दिया और घटनास्थल की ओर रवाना हो गए। आईजी रेंज राजकुमार समेत मेरठ एसएसपी मंजिल सैनी सभी थानों की पुलिस और बचाव दल के साथ घटनास्थल की ओर रवाना हो गई। पीएसी की 6वीं और 44 वीं बटालियन बचाव दस्ते को भी घटनास्थल पर भेजा गया।
प्रशासन की टीम रवाना
डीएम मेरठ समीर वर्मा के निर्देश पर प्रशासन की एक टीम को एडीएम प्रशासन एसपी पटेल के निर्देशन में घटनास्थल पर भेजा गया। एडीएम संतोष बहादुर सिंह भी टीम में शामिल रहे। डीएम की ओर से जनपद में इमरजेंसी स्थिति घोषित करते हुए मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल समेत निजी अस्पतालों को अलर्ट किया गया।
अलर्ट पर रही टै्रफिक पुलिस
डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट टीम को घटनास्थल पर रवाना किया गया। साथ ही एसपी ट्रैफिक संजीव बाजपेयी, सिटी मजिस्ट्रेट एमपी सिंह को एंबुलेंस के रूट पर तैनात रहे ताकि खतौली से आने वाले घायल यात्रियों को जाम की स्थिति से न गुजरना पड़े।
करीब 50 एंबुलेंस भेजी गई
एसएसपी के निर्देश पर मेरठ के सभी थाना क्षेत्रों की प्राइवेट और सरकारी एंबुलेंस को घटनास्थल पर रवाना किया गया। करीब 25 प्राइवेट और 22 सरकारी एंबुलेंस मौके पर भेजी गई। साथ ही गाजियाबाद स्थित 8वीं वाहिनी एनडीआरएफ की टीम को भी घटनास्थल पर भेजा गया।
देर रात तक आते रहे घायल यात्री
रात्रि 7:30 बजे तक मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी में घायलों का पहुंचना आरंभ हो गया था। जोकि देररात तक आते रहे। स्वास्थ्य विभाग की टीमें घायल यात्रियों को समुचित इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में देर रात मुस्तैद रहीं। इसके अलावा सिविल डिफेन्स के वॉलंटियर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में तैनात रहे।
खाली कराई गई इमरजेंसी
सीएमओ डॉ। राजकुमार ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए प्राइवेट अस्पतालों में भी अलर्ट जारी किया गया। आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में वार्ड तैयार करवाए गए। दोनों सरकारी अस्पतालों में घायलों के लिए इमरजेंसी वार्ड को खाली करवाया गया। साथ ही दवाओं की पूरी व्यवस्था कराई गई।