राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी बसपा के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से मायावती नाराज हो गई हैं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इसे विश्वासघात का नाम दिया हैं।

जयपुर (आईएएनएस)। राजस्थान में मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) को एक बड़ा झटका लगा है। उसके सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। इस विलय से अब कांग्रेस के पास विधानसभा की 106 सीटें हो गई हैं। वहीं छह विधायकों द्वारा पार्टी छोड़ने बसपा सुप्रीमो मायावती बाैखला गई हैं।

1. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहाँ कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।

— Mayawati (@Mayawati) September 17, 2019


बीएसपी मूवमेन्ट संग फिर हुआ विश्वासघात
यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने ट्वीट किया राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज पार्टी होने का सबूत दिया है। बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहां कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।

3.कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर व उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही। इसी कारण डा अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया। अति-दुःखद व शर्मनाक।

— Mayawati (@Mayawati) September 17, 2019सीएम अशोक गहलोत की असुरक्षा को दर्शाता
सोमवार रात को हुए इस बदलाव के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा यह बदलाव सीएम अशोक गहलोत की असुरक्षा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रलोभन से बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया है। डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने उन पर कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया है।
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कांग्रेस ने चुनाव में 100 सीटों पर जीत दर्ज की

राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं।  बता दें कि राजस्थान में पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 100 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इससे पहले कांग्रेस राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के एक विधायक, बहुजन समाज पार्टी (बसपा)  के 6 और 12 निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार चला रही थी।

 

 

Posted By: Shweta Mishra