उत्तर प्रदेश की सभी 70 जेलों में इन हाउस रेडियो स्टेशन अगले एक साल तक खुल जाएंगे। इसमें से कुछ जेलों में यह व्यवस्था शुरु हो गई है वहीं बाकी जेलों में होना बाकी है।

लखनऊ (एएनआई)। उत्तर प्रदेश की सभी 70 जेलों में अब जेल के कैदियों द्वारा संचालित अपने इन-हाउस रेडियो स्टेशन होंगे। यूपी के महानिदेशक (जेल प्रशासन और सुधार सेवाएं), आनंद कुमार ने हाल ही में मेरठ की जिला जेल में 26 वें इन-हाउस रेडियो स्टेशन का उद्घाटन किया। डीजी आनंद कुमार ने कहा, "बड़ी संख्या में कैदी अवसाद से पीड़ित हैं। हमने महसूस किया कि उन्हें कुछ मनोरंजन प्रदान करना एक अच्छा विचार होगा, जो उन्हें ध्यान हटाने में मदद कर सकता है और अवसाद से एक हद तक लड़ सकता है। इसके लिए रेडियो स्टेशन खोले जाएंगे। इसका संचालन भी कैदियों द्वारा ही किया जाएगा।'

फरमाइशी गाना सुन सकते हैं कैदी

इन रेडियो स्टेशन में कैदी फरमाइशी गाना भी सुन सकते हैं। इसके अलावा रेडियो जॉकी कैदियों के कानूनी और मानवाधिकारों की जानकारी भी पढ़ेगा। व्यक्तिगत कैदियों की सुनवाई और जेल के अंदर अन्य मनोरंजक गतिविधियों से संबंधित घोषणाएँ भी रेडियो पर की जाएंगी। महानिदेशक कहते हैं, 'हम कानूनी और मानवाधिकारों पर व्याख्यान भी आयोजित करेंगे, और उन विशेषज्ञों के साथ इंटरफेस प्रदान करेंगे जो कानूनी उपचार का सुझाव दे सकते हैं। कुछ जेलों में, हमने पेशेवर रेडियो जॉकी की मदद ली है, ये जेल में बंद कैदियों को प्रशिक्षण देंगे।'

अगले साल तक सभी जेलों में यह सुविधा

सामान्य रेडियो स्टेशनों के विपरीत, जेल रेडियो नेटवर्क की अलग फ्रीक्वेंसी होगी। रेडियो जॉकी और स्टेशन के लिए एक कमरा आवंटित किया गया है, जिसमें रिले और एम्पलीफायर शामिल हैं। हर बैरक में स्पीकर लगे हैं। कैदियों ने गाने के लिए लिखित अनुरोधों को रखा, जो रेडियो जॉकी ने कैदी के नाम की घोषणा करने के बाद बजाया जिसने अनुरोध किया था। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि राज्य के सभी 70 जेलों में अगले साल के अंत तक इसी तरह के रेडियो स्टेशन होंगे।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari